CG Ki Baat: पुरानी चिट्ठी…नई लड़ाई! कहां जाकर थमेगी पुरानी चिट्ठी पर शुरू हुई नई जंग?

CG Ki Baat: पुरानी चिट्ठी...नई लड़ाई! कहां जाकर थमेगी पुरानी चिट्ठी पर शुरू हुई नई जंग?

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  • Publish Date - January 8, 2021 / 05:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के मुद्दे को लेकर पिछले 2 महीने से भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है। सत्ता पक्ष-विपक्ष एक दूसरे को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसी कड़ी में अब कांग्रेस रमन सिंह के 2014 में केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र को वायरल कर बीजेपी सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री को घेर रही है, जिस पर बीजेपी ने भी जवाबी हमला किया है।

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस के ट्विटर एकाउंट में शेयर ये वही चिट्ठी है जिसे लेकर धान के कटोरे में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री की पुरानी चिट्ठी, जिसमें उन्होंने केंद्र से धान पर बोनस देने की मांग की थी। इसे टैग करते हुए पूछा कि कुछ याद है डॉक्टर रमन सिंहजी…क्या आप साहस दिखाकर एक बार फिर ऐसी चिट्ठी प्रधानमंत्री जी को लिखेंगे…।

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दरअसल सीएम रहते हुए रमन सिंह ने 2014 में तत्कालीन केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को ये पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने धान पर प्रोत्साहन राशि देने केंद्र से अनुमति मांगी थी। रमन सिंह के पत्र के जरिए सत्ता रूढ़ कांग्रेस ये बताने की कोशिश कर रही है की जब बीजेपी को चुनाव जीतने थे तब केंद्र की सरकार ने प्रोत्साहन राशि बांटने की अनुमति तत्कालीन भाजपा सरकार को दे दी। वहीं, अब भूपेश सरकार किसानों को राजीव गांधी किसान या योजना के तहत धान एमएसपी के अतिरिक्त राशि दे रही है तो केंद्र की सरकार नियमों का हवाला दे रही है। लिहाजा पत्र को वायरल कर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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साल 2014 में लिखी चिट्ठी को वायरल कर कांग्रेस ने रमन सिंह को घेरने की कोशिश की तो उन्होंने जवाबी हमला करते हुए कहा कि 2 साल के बोनस के लिए अब वो केंद्र सरकार को पत्र नहीं लिखेंगे। वादा कांग्रेस सरकार ने किया है पूरा करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही है, इसलिए सरकार कोई बहानेबाजी ना करे।

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जाहिर है धान खरीदी को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर दबाव डाल रहा है, लेकिन अब सत्ता पक्ष उसे जवाब देने के लिए बीजेपी सरकार की पुरानी चिट्ठियों को हथियार बना रही है। बहरहाल धान के बोनस को लेकर जारी लड़ाई में हर दिन नई मोर्चाबंदी हो रही है। अब देखना है कि पुरानी चिट्ठी पर शुरू हुई नई जंग कहां जाकर थमेगी?

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