काज़ी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी ने अयोध्या पर फैसले का किया स्वागत, बोले- हमारी परंपरा गंगा-जमुनी तहजीब से है

काज़ी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी ने अयोध्या पर फैसले का किया स्वागत, बोले- हमारी परंपरा गंगा-जमुनी तहजीब से है

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  • Publish Date - November 9, 2019 / 07:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

भोपाल, मध्यप्रदेश। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने का शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी ने भी स्वागत किया है।

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नदवी ने बयान दिया है कि देश का सम्मान और हमारी परंपरा गंगा जमुनी संस्कृति से हैं। हम सब उस निर्णय को स्वीकार करते हैं। काजी ने भोपाल के नागरिकों को शांति बनाए रखने की अपील की है।

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देखिए फैसले की बड़ी बातें-

राम लला को कोर्ट ने मुख्य पक्षकार माना है
निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज

निर्मोही अखाड़ा सेवादार भी नहीं

रामलला को कानूनी मान्यता

पुरातात्विक सबूतों को दरकिनार नहीं की जा सकती

मस्जिद के नीचे विशालकाय सरंचना थी

बाबरी मस्जिट खाली जगह पर नहीं बनी थी

‘वो इस्लामिक संरचना नहीं थी’

विवादित ढांचे में पुरानी संरचना की चीजों का इस्तेमाल 

हिंदू अयोध्या को राम का जन्म स्थान मानते हैं

खुदाई में कलाकृतियां मिली हैं वो इस्लामिक नहीं है

हिंदू मुख्य गुंबद को ही जन्म स्थान मानते हैं

हिंदू आस्था को गलत बताने का कोई प्रमाण नहीं मिलता

क्रॉस एग्जामिनेशन से हिंदुओं का दावा गलत साबित नहीं

रामलला ने ऐतिहासिक ग्रंथों के विवरण भी रखे

चबूतरा, भंडारा, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि

सुन्नी ने जगह को मस्जिद घोषित करने की मांग की

टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता

हिंदू परिक्रमा भी किया करते थे

अयोध्या में राम के जन्म के दावे का किसी ने विरोध नहीं किया

बाबरी मस्जिद खाली जगह पर नहीं बनी

मुस्लिम पक्ष हक का दावा साबित नहीं कर पाया

1934 के बाद मुस्लिमों का कभी कब्जा नहीं रहा

भीतरी हिस्से में मस्जिद होने के सबूत नहीं

विवादित हिस्से का बंटवारा नहीं होगा

सुन्नी बोर्ड को वैकल्पिक जमीन देना जरूरी

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