(तस्वीरों सहित)
पणजी, सात दिसंबर (भाषा) उत्तर गोवा का लोगों से खचाखच भरा एक नाइटक्लब रविवार आधी रात के बाद आग की भीषण लपटों में घिर गया, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने क्लब में कथित अवैध गतिविधियों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने पहले कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि संभवत: सिलेंडर विस्फोट के कारण आग लगी, लेकिन इस त्रासदी में बचे एक पर्यटक ने दावा किया कि नृत्य प्रस्तुति के दौरान आतिशबाजी की गई और वही आग लगने की असली वजह हो सकती है।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोग पणजी से 25 किलोमीटर दूर अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के भूतल पर फंस गए थे, जिसके कारण अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकल्प जताया, जिन्होंने सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के बावजूद क्लब के संचालन की अनुमति दी। एक ग्राम अधिकारी ने दावा किया कि निर्माण अनधिकृत था और मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस के मुताबिक, मृतकों में चार पर्यटक और 14 कर्मचारी शामिल हैं, जबकि बाकी सात की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया कि इस प्रतिष्ठान के पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) या शराब बेचने की अनुमति भी नहीं थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।’’
उन्होंने बताया कि क्लब प्रबंधक और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने अरपोरा-नागोवा पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर को हिरासत में लिया है, जिन्होंने 2013 में परिसर के लिए व्यापार लाइसेंस जारी किया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने इस घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘गोवा के अरपोरा में हुए हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे।’’
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आग पहली मंजिल पर लगी थी और भीड़भाड़ होने एवं छोटे दरवाजों के कारण लोग बाहर नहीं भाग सके।
मुख्यमंत्री सावंत ने बताया, ‘‘कुछ लोग भूतल पर भाग गए और वहीं फंस गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्लब प्रबंधन और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के बावजूद इसे संचालित करने की अनुमति दी। राज्य में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना ऐसे समय में हुई है, जब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। हम घटना की मजिस्ट्रेट से विस्तृत जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
सावंत ने कहा कि गोवा नाइटक्लब में लगी आग के मामले में मुख्य महाप्रबंधक सहित तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि गोवा सरकार ने घटना की जांच के लिए समिति गठित की है, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
राज्य पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि आग सिलेंडर में विस्फोट के कारण लगी थी, लेकिन कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया था कि आग क्लब की पहली मंजिल पर लगी थी, जहां पर्यटक नाच रहे थे।
समय रहते बाहर निकलने में कामयाब रही दिल्ली की एक पर्यटक रिया ने दावा किया कि जब नृत्य प्रस्तुति दी जा रही थी, तो हर तरफ आतिशबाजी हो रही थी।
रिया के मुताबिक, ‘‘आग इसी वजह (आतिशबाजी) से लगी होगी। भगदड़ जैसी स्थिति हो गई थी।’’
हैदराबाद की रहने वाली फातिमा शेख ने कहा, ‘‘आग की लपटें उठते ही अफरा-तफरी मच गई। हम क्लब से बाहर भागे, तो देखा कि पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा हुआ था। सप्ताहांत होने की वजह से नाइट क्लब खचाखच भरा हुआ था और ‘डांस फ्लोर’ पर कम से कम 100 लोग थे।’’
शेख ने बताया कि आग लगने के बाद कुछ पर्यटक नीचे की ओर भागे तथा भूतल पर स्थित रसोई में चले गए। उसने कहा, ‘‘वे (पर्यटक) अन्य कर्मचारियों के साथ वहीं फंस गए। कई लोग क्लब से बाहर निकलने में कामयाब रहे।’’
शेख के अनुसार, कुछ ही देर में पूरा क्लब आग की चपेट में आ गया। उसने कहा, ‘‘वहां ताड़ के पत्तों से बना एक अस्थायी ढांचा था, जिसने तेजी से आग पकड़ ली।’’
नाइट क्लब संकरी गलियों में स्थित होने के कारण दमकल की गाड़ियों के लिए क्लब तक पहुंचना संभव नहीं हो सका और उनके टैंकर को घटनास्थल से लगभग 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा।
अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संकरी गलियों के कारण घटनास्थल तक पहुंचना मुश्किल हो गया, जिससे आग पर काबू पाना एक चुनौतीपूर्ण काम बन गया।
उन्होंने कहा कि पीड़ित भूतल पर ही फंस रहे, जिसके कारण अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
इससे पहले दिन में अरपोरा-नागोआ पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने बताया कि क्लब सौरव लूथरा संचालित करते थे, जिनका अपने साझेदार के साथ विवाद था।
रेडकर ने कहा, ‘‘दोनों के बीच विवाद था और उन्होंने पंचायत में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हमने परिसर का निरीक्षण किया और पाया कि उनके पास क्लब निर्माण की अनुमति नहीं थी।’’
रेडकर के मुताबिक, पंचायत ने क्लब ढहाए जाने का नोटिस जारी किया था, जिस पर पंचायत निदेशालय के अधिकारियों ने रोक लगा दी थी।
नाइट क्लब में आग लगने की घटना के पीड़ितों के रिश्तेदार और परिचित गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शवगृह के बाहर एकत्र होकर अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी मिलने का रविवार को बेसब्री से इंतजार करते दिखे।
झारखंड के कुछ लोगों ने कहा कि वे शवों को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि नाइट क्लब मालिक शवों को गृहनगर वापस ले जाने की व्यवस्था करें।
इन लोगों ने बताया कि उनके मूल निवास के चार लोग उत्तरी गोवा के अरपोरा स्थित उस नाइट क्लब में सहायक और रसोइये के रूप में काम करते थे।
असम के पांच लोगों का एक और समूह भी शवगृह के बाहर बैठा देखा गया। इन लोगों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनमें से एक ने दावा किया कि घटना में मारे गए लोगों में उनके दोस्त शामिल हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी शवों की पहचान करने और पोस्टमॉर्टम करने में एक दिन लगेगा, उसके बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।
गोवा चर्च ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया।
विपक्ष ने इस त्रासदी को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि अरपोरा में एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना से उन्हें गहरा दुख हुआ है।
राहुल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है; यह सुरक्षा और शासन की आपराधिक विफलता है। एक गहन और पारदर्शी जांच के जरिये जवाबदेही तय होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी रोकी जा सकने वाली त्रासदियां भविष्य में न हों।”
आम आदमी पार्टी (आप) की गोवा इकाई ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सत्ता में बने रहने का ‘‘नैतिक अधिकार’’ खो दिया है, क्योंकि वह राज्य में प्रशासन को नियंत्रित करने में विफल रही है।
‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल उठाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने नाइट क्लब के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि क्लब ने राज्य विधानसभा में मुद्दा उठाए जाने के बावजूद मानदंडों का कथित तौर पर पालन नहीं किया।
कांग्रेस ने सावंत के इस्तीफे की मांग की। पार्टी के गोवा प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने दावा किया कि क्लब ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया था।
भाषा खारी पारुल
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