भारत में कोविड-19 के 41,157 नए मामले

भारत में कोविड-19 के 41,157 नए मामले

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  • Publish Date - July 18, 2021 / 05:33 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) भारत में 41,157 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद देश में अब तक संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या बढ़कर 3,11,06,065 हो गयी है। इसके साथ ही 518 और लोगों के महामारी से जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,13,609 हो गयी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,22,660 रह गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.36 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 97.31 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 1,365 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं और शनिवार को 19,36,709 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गयी। इस महामारी के मामलों का का पता लगाने के लिए अब तक कुल 44,39,58,663 नमूनों की जांच की गयी है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,02,69,796 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक टीके की कुल 40.49 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। संक्रमण की दैनिक दर 2.13 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 2.08 प्रतिशत है।

देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

मंत्रालय ने बताया कि जिन 518 और लोगों ने जान गंवाई है, उनमें से 124 की मौत महाराष्ट्र और 114 की केरल में हुई।

देश में अब तक 4,13,609 लोग इस महामारी से जान गंवा चुके हैं। इनमें से 1,26,851 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 36,121 की कर्नाटक, 33,695 की तमिलनाडु, 25,027 की दिल्ली, 22,715 की उत्तर प्रदेश, 17,988 की पश्चिम बंगाल और 16,224 लोगों की मौत पंजाब में हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।

भाषा

गोला नेत्रपाल

नेत्रपाल