देहरादून, 13 दिसंबर (भाषा) देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में कठोर प्रशिक्षण हासिल करने के बाद शनिवार को 525 कैडेट ने भव्य ‘पासिंग आउट परेड’ (पीओपी) में हिस्सा लिया और अब उन्हें भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
अकादमी की ‘चेटवुड बिल्डिंग’ के सामने ऐतिहासिक ‘ड्रिल स्क्वायर’ पर हुई शानदार परेड का निरीक्षण बतौर समीक्षा अधिकारी सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया।
पासिंग आउट परेड में 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट को सेना में शामिल किया गया। साथ ही, 14 मित्र राष्ट्रों के 34 विदेशी कैडेट ने भी परेड में हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ एवं स्वर्ण पदक एसीए निश्कल द्विवेदी को, द्वितीय स्थान पाने वाले बीयूओ बादल यादव को रजत पदक तथा तृतीय स्थान के लिए कांस्य पदक एसयूओ कमलजीत सिंह को दिया गया।
‘टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स’ में ‘मेरिट’ में प्रथम स्थान के लिए अधिकारी कैडेट जाधव सुजीत संपत और ‘टेक्निकल एंट्री स्कीम-46’ में प्रथम स्थान के लिए डब्लूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया।
‘स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स’ का रजत पदक अधिकारी कैडेट सुनील कुमार छेत्री को दिया गया। विदेशी कैडेट में ‘मेरिट’ में प्रथम स्थान बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफीन अशरफ को मिला। ‘ऑटम टर्म’ में समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए इंफाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया।
परेड खत्म होते समय आसमान से हेलीकॉप्टरों ने नए सैन्य अधिकारियों पर पुष्पवर्षा भी की।
इस मौके जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में नए अधिकारियों को सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करने तथा निष्ठा, प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना में नियुक्ति पाना आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है।
‘पासिंग आउट परेड’ के दौरान कमीशन प्राप्त करने वाले नए अधिकारियों के माता-पिता और अभिभावक भी मौजूद रहे।
भाषा दीप्ति पारुल सुरभि
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