(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में कड़ी सुरक्षा के बीच यूनेस्को की एक महत्वपूर्ण बैठक जारी है, जहां दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बलों के सुरक्षाकर्मी चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं और हर प्रतिनिधि को बैठक स्थल तक पहुंचने के लिए लाहौरी गेट क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा अवरोधकों (बैरिकेड्स) की भूलभुलैया से होकर गुजरना पड़ता है।
यह बैठक 10 नवंबर को हुए विस्फोट के लगभग एक माह बाद हो रही है, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी और 24 से अधिक लोग घायल हुए थे। भारत पहली बार इस तरह के सत्र की मेजबानी कर रहा है।
भारत आठ से 13 दिसंबर तक लाल किले में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए अंतर-सरकारी समिति के 20वें सत्र की मेजबानी कर रहा है।
सत्रहवीं शताब्दी का यह किला परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन आता है और इस आयोजन के मद्देनजर पांच दिसंबर से इसे आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है।
एएसआई के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि यह 14 दिसंबर तक बंद रहेगा।
विस्फोट वाले स्थान के ठीक बगल में ‘दिल्ली पुलिस’ लिखे कई सुरक्षा अवरोधक इस तरह लगाए गए हैं कि वे एक प्रकार की भूलभुलैया जैसे दिखाई देते हैं।
ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के गेट के पास सड़क किनारे अभी भी दिख रही कालिख की परत की ओर इशारा करता है, जहां सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं।
पुलिसकर्मी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह वही जगह है जहां नवंबर में विस्फोट हुआ था। और चूंकि दिल्ली में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हो रहा है, इसलिए सुरक्षा दिन-रात बेहद कड़ी है।”
लाल किले में केवल यूनेस्को और मेजबान देश द्वारा मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति है। सभी को विशेष बैज जारी किए गए हैं।
किले में दिल्ली गेट की ओर से प्रवेश द्वार पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा तैनात है। किले के भीतर सुरक्षाकर्मी प्रतिनिधियों और अन्य अतिथियों के आवागमन पर लगातार नजर रख रहे हैं।
शाम ढलने के बाद मोटरसाइकिलों पर सवार पुलिसकर्मी लाहौरी गेट से दिल्ली गेट तक किले की परिधि में गश्त कर रहे हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
इस भव्य आयोजन का उद्घाटन समारोह सात दिसंबर को हुआ, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर मुख्य अतिथि थे। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूनेस्को के महानिदेशक खालिद अल-एनानी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और यूनेस्को में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा उपस्थित थे।
भारत के दीपावली पर्व को बुधवार को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया।
सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रतिष्ठित दीवान-ए-आम के सामने स्थित लॉन में उसी शाम प्रतिनिधियों और अन्य अतिथियों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके बाद भव्य रात्रिभोज हुआ।
संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य वालिद अल हलानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “भारत में पहली बार आकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस देश और यहां के लोगों के बारे में अधिक जानना मेरे लिए खुशी की बात है।”
भाषा
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