कोलकाता, 28 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ‘‘मतदाताओं का चयन’’ करने के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि वैध मतदाताओं को हटाने के किसी भी प्रयास का नयी दिल्ली तक विरोध किया जाएगा।
बनर्जी ने कहा कि भाजपा 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘‘बंगालियों के मताधिकार छीनने’’ की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की जनता इसका ‘‘करारा जवाब’’ देगी।
पार्टी की छात्र शाखा की एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘पहले मतदाता सरकार चुनते थे, लेकिन अब भाजपा अलोकतांत्रिक एसआईआर प्रक्रिया के जरिये मतदाताओं का चयन कर रही है। इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। अगर भाजपा ने एक भी वैध मतदाता का नाम हटाने की हिम्मत की, तो हम 10 लाख बंगालियों के साथ दिल्ली तक मार्च करेंगे, राजपथ का घेराव करेंगे और अपनी ताकत साबित करेंगे।’’
पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के बाद तृणमूल में ‘नंबर 2’ माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बंगाल के 10 करोड़ लोगों की पहचान, भाषा और अधिकारों पर सवाल उठाकर उनका अपमान कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने बंगालियों को बांग्लादेशी कहा और यह भी कहा कि बांग्ला जैसी कोई भाषा नहीं है। टैगोर ने किस भाषा में लिखा, विद्यासागर या नेताजी ने किस भाषा में बात की? बंगाल ने भारत की स्वतंत्रता का मार्ग दिखाया। हम किसी को भी इसे मिटाने की अनुमति नहीं देंगे।’’
बनर्जी ने कहा कि 2011 के बाद से हर चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सीट में बढ़ोतरी हुई है और उन्होंने भविष्यवाणी की कि पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों में और भी बड़े जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करेगी।
डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा, ‘‘वर्ष 2011 में हमने 184 सीट जीती थीं, 2016 में यह 211 हो गईं और 2021 में हमें 215 सीट मिलीं। वर्ष 2026 में हम इससे भी आगे निकल जाएंगे। मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि अगर वे 50 सीट पार कर सकें तो करके दिखाएं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए बनर्जी ने कहा कि भगवा खेमे ने संसद में संविधान संशोधन विधेयक को ‘‘अंधेरे में’’ पारित कराने की कोशिश की थी, लेकिन तृणमूल के 28 सांसदों ने इस प्रयास को विफल कर दिया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, ‘‘हमारे सांसदों ने अध्यक्ष के आसन के सामने आकर विरोध किया और उन्हें (अमित शाह को) आगे की पंक्ति से चौथी पंक्ति में जाने पर मजबूर किया। उनतीस सीट के साथ हम उन्हें रोक सकते थे। अगर बंगाल ने हमें 40 सीट दी होतीं, तो उन्हें आखिरी पंक्ति में दुबककर अपना चेहरा छिपाना पड़ता।’’
बनर्जी ने महिला सुरक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस के अपराजिता विधेयक को मंजूरी नहीं देने को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘एक साल बीत चुका है, फिर भी विधेयक को मंज़ूरी नहीं मिली है। जिन लोगों ने आपत्ति जताई थी, उनकी दिलचस्पी दोषियों को सज़ा दिलाने में नहीं, बल्कि बंगाल के स्वास्थ्य ढांचे को बर्बाद करने में थी। आज माकपा, भाजपा और कांग्रेस चुप क्यों हैं? वे महिला सुरक्षा के लिए मार्च क्यों नहीं निकालते?’
भाषा नोमान सुरेश
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