विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बारे में उमर की टिप्पणी के बाद घटक दलों ने आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बारे में उमर की टिप्पणी के बाद घटक दलों ने आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया

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  • Publish Date - December 8, 2025 / 12:17 AM IST,
    Updated On - December 8, 2025 / 12:17 AM IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की इस टिप्पणी के एक दिन बाद कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अभी ‘‘जीवन रक्षक प्रणाली पर’’ है, रविवार को गठबंधन के कई अन्य घटक दलों ने भी इसमें समन्वय की कमी के मुद्दे पर चिंता जताई और आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया।

शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) उन दलों में शामिल थे, जिन्होंने विपक्षी गठबंधन को फिर से सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने अब्दुल्ला की टिप्पणी को ‘‘जल्दबाजी में की गई टिप्पणी’’ करार दिया, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद-उर-रहमान ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर वोट के लिए ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) का इस्तेमाल करने और जम्मू-कश्मीर के बाहर ‘‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विमर्श को आगे बढ़ाने’’ का आरोप लगाया।

इस बीच, भाजपा और उसके सहयोगियों ने अब्दुल्ला की टिप्पणी को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन ‘‘पहले ही दम तोड़ चुका है।’’

भाकपा महासचिव डी राजा ने विपक्षी गठबंधन के सभी दलों से आत्मनिरीक्षण करने की अपील की।

उन्होंने कहा, “जब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियां ‘इंडिया’ गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आई थीं, तो इसका उद्देश्य भारत को बचाना और भाजपा को हराना था… अब क्या हो रहा है, ‘इंडिया’ गठबंधन अपेक्षित समन्वय के साथ काम क्यों नहीं कर पा रहा है।”

शिवसेना (उबाठा) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन की कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, “जहां तक ‘इंडिया’ गठबंधन की बात है, तो बिहार चुनाव से पहले भी उद्धव ठाकरे ने कहा था कि बैठक जरूरी है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन की कोई बड़ी बैठक नहीं हुई है।”

चतुर्वेदी ने कहा, “चाहे बिहार हो या कश्मीर, ये चिंताएं अलग-अलग जगहों से उठ रही हैं। किसी न किसी स्तर पर, ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल सभी दलों, खासकर इसका नेतृत्व करने वालों और राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस को पुनर्विचार करना होगा, खुद को फिर से सक्रिय करना होगा और यह पता लगाना होगा कि कैसे फिर से एक साथ आया जाए, ठीक उसी तरह जैसे हमने लोकसभा चुनावों के दौरान किया था।”

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राजीव राय ने कहा कि वह अब्दुल्ला की टिप्पणियों से सहमत नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मैं इससे सहमत नहीं हूं। हां, हार से लोग बेचैन हो सकते हैं, लेकिन भाजपा यही चाहती है। जो लोग भाजपा और इन फासीवादी ताकतों से लड़ रहे हैं, उन्हें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए। हार-जीत राजनीति का हिस्सा है।”

राय ने कहा, “अगर हम देश, संविधान और देशवासियों के बारे में सोचना चाहते हैं, और अगर लक्ष्य फासीवादी ताकतों को हराना है, तो निराश होने की कोई जरूरत नहीं है।”

भाषा सुरभि पारुल

पारुल