राजभर-शिवपाल के बाद अब यह पार्टी उतरी “सपा” के विरोध में,अखिलेश की बड़ी मुश्किलें

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  • Publish Date - July 25, 2022 / 12:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

Opposition to Samajwadi Party : उत्तरप्रदेश – उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी बिखरती जा रही है। एक तरफ “सपा” के विधायक और अखिलेश के चाचा शिवपाल एवं सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश को अखिलेश की चिट्ठी मिलने के बाद पूरी तरह से “सपा” से किनारा कर लिया है। वहीं दूसरी ओर इनके अलावा देश के मुस्लिम संगठन भी अब अखिलेश यादव का विरोध करते हुए नजर आ रहे है। ऐसे में पूरी “सपा” के साथ अखिलेश यादव की तमाम मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। ऐसे में आखिर कैसे अखिलेश यादव 2024 के चुनाव में “सपा” को पटरी पर उतारेगें। दिन- प्रतिदिन “सपा” का सियासी संकट गर्माता जा रहा है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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यह मुस्लिम पार्टी उतरी “सपा” के विरोध में

Opposition to Samajwadi Party : अखिलेश यादव की परेशानियों में ईजाफा होते हुए राजभर-शिवपाल के बाद अब ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम भी अखिलेश के विरोध में उतर आई है। इसी संगठन ने खुलकर राजभर का साथ देने का फैसला लिया है। वहीं राजभर को मुस्लिम संगठन का भरपूर समर्थन मिला है। बरेली के इस मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम ने “सपा” से नाता तोडते हुए राजभर की पार्टी को सपोर्ट किया है। संगठन के महासचिव शहाबुद्दीन रजवी ने राजभर का पक्ष लेते हुए कहा कि सपा के खिलाफ पूरे उत्तरप्रदेश में आंदोलन चलाया जाए और इसमें हमारी पार्टी राजभर का सहयोग करेगी। और इसी के साथ मौलवी ने आजम खान को घेरते हुए कहा कि वह मुश्लिम समाज की बात नहीं करते,ऐसा लगता है जैसे मुसलमानों के प्रति उनका प्रभाव खत्म हो चुका है।

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चुनाव में राजभर दे सकते है अखिलेश को चुनौती

Opposition to Samajwadi Party : इस संकट की बेला में उत्तप्रदेश का चुनावी भविष्य देखा जाए तो राजभर अखिलेश की चिंता बड़ाने का काम कर सकते है। वहीं भूतकाल की बात करें तो पिछले चुनाव में राजभर-अखिलेश की जोड़ी ने भाजपा को जमकर लपेटा था , उनके गठबंधन का असर इतना हुआ कि पूर्वांचल के कई जिलों में भाजपा खाता तक नहीं खोल पाई। लेकिन अब राजभर का अखिलेश से दूर होना साफ जाहिर है कि अखिलेश को चुनाव में काफी परेशानी का सामना करना होगा। “सपा” के पास न तो अब शिवपाल है और न तो अब राजभर। वहीं अब देखा जाए तोआजमगढ़,गाजीपुर,अंबेडकरनगर,बलिया,चंदौली में राजभर की अच्छी पकड़ मानी जाती है वहीं इन जगहों पर सपा अकेले ही बाजी मारे यह संभव नहीं है। राजभर के अलग होने से अखिलेश को नुकसान होने वाला है यह तो साफ देखा जा रहा है।

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मुस्लिम संगठन बिगड़ेंगे खेल

Opposition to Samajwadi Party : एक तरफ जहां पूर्वांचल में राजभर की अच्छी पकड़ मानी जाती है तो वहीं रूहेलखंड में मुस्लिम संगठन सक्रिय है। पिछले विधानसभा में मुश्लिमों के 80 फीसदी वोट गए थे जिसके कारण ही “सपा” को मुश्लिम सीटों पर जीत नसीब हुई थी। मगर अब ऐसा नहीं होने वाला क्योंकि “सपा” के विरोध में मुस्लिम संगठन आगें आ गए है। और इन संगठन के बिना “सपा” चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाएगी। रूहेलखंड को “सपा” का मुस्लिम वोट बैंक कहा जाता है। लेकिन अब वही वोट बैंक अब अखिलेश के खेमे से बाहर जाता हुआ साफ दिखाई दे रहा है। वहीं कुछ दिन पहले हुए यूपी में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने “सपा” को भारी मतों से हराया था। चुनाव में “सपा” की ओर से धमेन्द्र यादव को भाजपा की ओर से भोजपुरी के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ से बुरी तरह हराया था। ऐसे में साफ देखा जा सकता है कि “सपा” कि स्थिति अब क्या होने वाली है।

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