‘अग्निपथ’ योजना से सशस्त्र बलों की अभियानगत प्रभावशीलता में और बढोतरी होगी : अधिकारी

‘अग्निपथ’ योजना से सशस्त्र बलों की अभियानगत प्रभावशीलता में और बढोतरी होगी : अधिकारी

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  • Publish Date - June 15, 2022 / 08:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए घोषित ‘‘अग्निपथ’’योजना के बारे में अधिकारियों का मानना है कि इससे सेना के तीनों अंगों की युद्ध तैयारी और मजबूत होगी क्योंकि इस वर्ग में भर्ती सैनिकों की उनकी युवावस्था के मद्देनजर जोखिम लेने की क्षमता अधिक होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस योजना से सशस्त्र बलों की तैयारी और मजबूत होगी। युवा होने की वजह से ये लड़ने के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं में खतरा मोल लेने की अधिक क्षमता होगी।’’

सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट अनिल पुरी ने मंगलवार को कहा था कि इस योजना का उद्देश्य सैनिकों की औसत उम्र अगले सात साल में 24 से 26 साल के बीच लाने की है जो मौजूदा समय में 32 साल है।

अधिकारियों ने कहा कि सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती की मौजूदा परिपाटी को इसे लागू करने के बाद से बदला नहीं गया है। उन्होंने कहा कि बदलाव केवल सेवा की शर्तों और परिस्थितियों को लेकर होता था।

अधिकारी ने कहा,‘‘आप जानते हैं कि सेना के तीनों अंगों के भर्ती केंद्र पूरे देश में बने हुए हैं जो उसे देश के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के लिए भी सक्षम बनाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि ये भर्ती केंद्र सैनिकों की भर्ती की जिम्मेदारी आगे भी संभालते रहेंगे। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस योजना से अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व प्रभावित नहीं होगा।’’

अधिकारियों ने कहा कि सेना रेजीमेंट प्रणाली को कायम रखेगी क्योंकि नयी योजना में बेहतरीन ‘‘अग्निवीरों’’ का चुनाव करने की परिकल्पना की गई है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश