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गुजरात की इस सीट पर औवेसी की एंट्री, जहां बीजेपी के हाथ खून से रंगे, वहां AIMIM अध्यक्ष लगा रहे ऐड़ी-चोटी का जोर

aimim gujarat गुजरात चुनाव: गोधरा में पैठ मजबूत करने की कोशिश में ओवैसी की पार्टी

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:05 PM IST, Published Date : November 28, 2022/5:32 pm IST

aimim gujarat: गोधरा। सांप्रदायिक रूप से संवेदशील माने जाने वाले गुजरात के गोधरा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में है क्योंकि पिछले साल के निकाय चुनाव में उसने यहां असरदार दस्तक दी थी।असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को उम्मीद है कि इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा और अन्य उम्मीदवारों के बीच मतों का बंटवारा होगा जिससे उसकी राह आसान हो सकती है।

aimim gujarat: एआईएमआईएम ने पिछले साल हुए गोधरा नगरपालिका के चुनाव में सात सीटें हासिल की थीं और भाजपा को निकाय की सत्ता से दूर रखने के लिए निर्दलियों के साथ समझौता भी किया था। ओवैसी की पार्टी के समर्थन से निर्दलीय संजय सोनी फरवरी, 2021 में नगरपालिका के अध्यक्ष बने, लेकिन पिछले साल नवंबर में भाजपा का समर्थन मिलने के बाद उन्होंने एआईएमआईएम का साथ छोड़ दिया।

aimim gujarat: इस बार गोधरा विधानसभा सीट पर एआईएमआईएम अपनी पकड़ और मजबूत बनाने और जीतने की कोशिश कर रही है। फिलहाल यहां से भाजपा का विधायक है। साल 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाए जाने की घटना के बाद पूर्वी गुजरात के पंचमहल जिले का यह कस्बा सुर्खियों में आया था। उस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हुई थी जिसके बाद पूरे प्रदेश में हिंसा हुई थी जिससे 1000 से अधिक लोग मारे गए थे। गोधरा गुजरात की उन 14 विधानसभा सीटों में से एक है जहां एआईएमआईएम इस बार चुनाव लड़ रही है। ओवैसी ने यहां से अपने उम्मीदवार हसन शब्बीर कच्बा के समर्थन में एक बड़ी सभा को संबोधित किया था।

aimim gujarat: भाजपा ने यहां अपने वर्तमान विधायक सीके राउलजी को टिकट दिया है। कांग्रेस ने रश्मिताबेन चौहान और आम आदमी पार्टी ने राजेश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया है। एआईएमआईएम के पार्षदों का आरोप है कि गोधरा की मुस्लिम बहुल बस्तियों को विकास से उपेक्षित रखा गया था तथा लोगों को सड़क, साफ-सफाई और पानी की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं। पार्षद फैसल सुलेजा कहते हैं, ‘‘पहले, विकास हुआ है, लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत इलाके में। यह दूसरी तरफ (हिंदू और अन्य समुदायों की आबादी वाले इलाके ) में हुआ है।’’

aimim gujarat: एआईएमआईएम के एक अन्य पार्षद इसहाक एम गनचीभाई कहते हैं कि उनकी पार्टी के पार्षदों ने यह सुनिश्चित किया कि विकास का पैसा समान रूप से सभी इलाकों को मिले। गोधरा विधानसभा में करीब 2,79,000 मतदाता हैं जिनमें 72,000 मुस्लिम हैं। गनचीभाई का कहना है कि अगर मुस्लिम मतदाताओं ने एकश्मुकत समर्थन कर दिया तो बहुकोणीय मुकाबले में एआईएमआईएम की जीत पक्की है। हालांकि, निकाय चुनाव निर्दलीय लड़ चुकीं सोफिया अनवा जमाल का कहना है कि एआईएमआईएम सिर्फ वोटों का बंटवारा करेगी जिसका फायदा आखिरकार भाजपा को होगा।

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