Nasal Covid vaccine: नई दिल्ली। देश को पहली निडल फ्री कोरोना वैक्सीन की इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है। जिसके तहत अब देश कोरोना के खिलाफ और मजबूती से लड़ाई लड़ सकता है। सरकार लगातार पूरे देश में कोरोना महाअभियान चलाकर लोगों को कोरोना का टटीका लगाने की अपील कर रही है। क्योंकि कोरोना का संक्रमण अभी गया नहीं है। लेकिन उससे सुरक्षा के लिए जरूर वैक्सीन को कारगार बताया गया है। इसी कड़ी में अब निडल फ्री नोजल वैक्सीन आ गई है। यह भारत की पहली नेजल वैक्सीन यानी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन है जिसे इमरजेंसी यूज को मंजूरी दी गई है। इस वैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन के लिए वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से करार किया था।
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Nasal Covid vaccine: यह इमरजेंसी की स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18 साल से ऊपर कोविड-19 के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण के लिए है। खास बात है कि इस वैक्सीन को डिलीवर करना और बनाना मस्कुलर वैक्सीन की तुलना में ज्यादा आसान है। नेजल वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान में स्टोर करके रखा जा सकता है। माना जा रहा है कि यह वैक्सीन गेमचेंजर साबित हो सकती है। इसकी वजह है कि देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना है। नाक से दी जाने वाली वैक्सीन से इस चुनौती से पार पाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इसमें सीरिंज का यूज नहीं होने से मेडिकल कचरे से भी राहत मिलेगी। जानकारी के मुताबिक नेजल वैक्सीन को एक बार देना होगा। दोनों नॉस्ट्रिल्स में एक-एक बूंद टीका ही पर्याप्त होगा।
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Nasal Covid vaccine: वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च के अनुसार नेजल वैक्सीन को सामान्य वैक्सीन से बेहतर वैक्सीन बताया गया है। यूनिवर्सिटी की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार अगर कोरोना की वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है तो इम्यून रिस्पॉन्स बेहतर होता है। एक्सपर्ट का मानना है कि नाक के जरिए कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करता और स्थितियां बिगड़नी शुरू हो जाती है। इसलिए नेजल स्प्रे असरदार साबित हो सकती है। नेजल वैक्सीन को लगाने के लिए सुई का इस्तेमाल नहीं होता है। इसे नाक के जरिए दिया जाएगा। सबसे पहले इससे इंजेक्शन का डर खत्म हो जाएगा। इसके अलावा इंजेक्शन लेने वाली जगह पर दर्द, चुभन आदि वाले एडवर्स इफेक्ट्स का खतरा भी कम हो जाएगा।
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Nasal Covid vaccine: नेजल वैक्सीन की कीमत को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अब तक इस नेजल वैक्सीन को लेकर जितनी भी रिपोर्ट आई है उसमें कहा गया है कि यह वैक्सीन काफी किफायती कीमत पर उपलब्ध होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस वैक्सीन की कीमत भी मौजूदा वैक्सीन की कीमत के लगभग ही होगी। भारत बायोटेक ने इस नेजल वैक्सीन का ट्रायल दो तरह से किया था। पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया था। ये ट्रायल देशभर में 14 जगहों पर हुए थे। इसमें वालिंटियर्स को वैक्सीन की दो डोज दी गई थी। पिछले महीने ही वैक्सीन का फेज 3 का ट्रायल पूरा हुआ था। कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से असरदार साबित हुई है। भारत बायोटेक के अनुसार ट्रायल में 18 से 60 साल के लोगों को शामिल किया गया था। नेजल वैक्सीन वॉलेंटियर पर असरदार साबित हुई और कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ।
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Nasal Covid vaccine: वायरस से पैदा होने वाली अधिकांश बीमारियां या तो मुंह या फिर नाक के लिए शरीर में प्रवेश करती हैं। ऐसे में जहां से वायरस की एंट्री होती है, वहीं से इसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने या इसे रोकने के लिए नेजल वैक्सीन बेहतर साबित होगी। नेजल वाली वैक्सीन नाक के अंदरुनी हिस्सों में प्रतिरोधक क्षमता को तैयार करेगी। फिलहाल देश में कोरोना की इंट्रा मस्कुलर वैक्सीन की डोज दी जा रही है। इन वैक्सीन को मांसपेशियों में दिया जाता है। वहां से दवा ब्लड में जाती है और फिर एंटीबॉडी बनाती है। इससे कोरोना के वायरस से लड़ने की ताकत मिलती है।