वन भूमि पर सिंचाई, पनबिजली परियोजनाओं से जुड़े सभी भूमिगत कार्य पर्यावरण अनुकूल : सरकार

वन भूमि पर सिंचाई, पनबिजली परियोजनाओं से जुड़े सभी भूमिगत कार्य पर्यावरण अनुकूल : सरकार

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  • Publish Date - February 5, 2025 / 08:01 PM IST,
    Updated On - February 5, 2025 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर सड़क, रेल, सिंचाई, पनबिजली और अन्य विकास परियोजनाओं से जुड़े सभी भूमिगत कार्यों को भूमिगत खनन के बराबर माना जाना चाहिए, जो एक पर्यावरण-अनुकूल गतिविधि है और जिसे प्रतिपूरक वनीकरण से छूट हासिल है।

मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के एक अनुरोध के जवाब में यह स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें जल संसाधन विकास परियोजनाओं के हिस्से के रूप में निर्मित सुरंगों के बदले प्रतिपूरक वनीकरण की आवश्यकता के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

मंत्रालय ने कहा कि सुरंग निर्माण पर्यावरण के अनुकूल गतिविधि है, क्योंकि यह सतह की वनस्पतियों, जीवों या पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित नहीं करती है।

पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 17 अप्रैल 2018 को जारी दिशा-निर्देशों में पनबिजली परियोजनाओं के तहत बनाई गई सुरंगों को पहले से ही भूमिगत खनन के बराबर माना गया है।

वन सलाहकार समिति ने 27 जनवरी को एक बैठक में कहा कि मंत्रालय के एक अक्टूबर 2024 के दिशा-निर्देशों में रेल और सड़क परियोजनाओं के लिए सुरंग निर्माण को प्रतिपूरक वनीकरण और शुद्ध वर्तमान मूल्य शुल्क से छूट दी गई है, क्योंकि जमीन की सतह पर कोई व्यवधान नहीं होता।

समिति ने कहा कि इसलिए “वन भूमि पर रेल, सड़क, सिंचाई, जल विद्युत और अन्य विकास परियोजनाओं से जुड़े सभी भूमिगत कार्यों को भूमिगत खनन के बराबर माना जाएगा।”

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत