कोटा, 11 अक्टूबर (भाषा) विजयादशमी के अवसर पर कोटा में 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के दौरान शनिवार शाम को 3डी प्रभाव के साथ 80 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।
यहां दशहरा मैदान पर रावण के साथ-साथ कुंभकरण और मेघनाद के 60 फुट ऊंचे पुतलों का भी दहन किया जाएगा। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष व स्थानीय सांसद ओम बिरला और कोटा के पूर्व राजपरिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
राष्ट्रीय दशहरा मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि प्रदूषण मुक्त दशहरा मनाने के लिए इस बार पुतलों में पर्यावरण अनुकूल पटाखों का उपयोग किया जा रहा है।
राजवंशी ने बताया, ‘‘परंपरा के अनुसार भगवान लक्ष्मीनारायण की शोभायात्रा शनिवार शाम छह बजे कोटा किले से निकलेगी। सीता से संबंधित सामानों की पूजा जैसी रस्में दशहरा मैदान में राजसी परंपरा के अनुसार की जाएंगी। शुभ मुहूर्त के अनुसार शाम 7:01 से 7:31 बजे के बीच रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा।’’
राजवंशी ने बताया कि रावण के हाथ में अमृत कलश भी घूमेगा, जिससे 3डी प्रभाव पैदा होगा जबकि दांत और नाभि में लगी मोटरों से आकर्षण और बढ़ जाएगा।
पुतलों को रिमोट से नियंत्रित आतिशबाजी के साथ चरणबद्ध तरीके से जलाया जाएगा।
अधिकारी ने यह भी बताया कि रावण के पुतले के मुंह से चिंगारी निकलेगी, उसके बाद उसकी नाक और कान से धुआं निकलेगा।
राजवंशी ने बताया कि रावण के मुकुट पर एक घूमता हुआ चक्र दिखाई देगा, जबकि एक हाथ में चमचमाती तलवार और दूसरे हाथ में घूमती हुई ढाल शोभा बढ़ाएगी।
उन्होंने बताया कि रावण के पुतले में 500 से अधिक विभिन्न प्रकार के पटाखे लगाए गए हैं।
पुतले बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि रावण के पुतले को बनाने में तीन क्विंटल कबाड़, 1,000 बांस की छड़ियां, दो क्विंटल रस्सी, 1.5 क्विंटल आटा, 80 किलोग्राम जूट और एक क्विंटल रंगीन कागज का इस्तेमाल किया गया। इसे बनाने के लिए 20 कारीगरों ने पिछले 40 दिनों से काम किया है।
इस बीच शुक्रवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग पुतलों की एक झलक पाने के लिए दशहरा मैदान में उमड़ पड़े। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने सेल्फी लेने वालों को पुतलों के पास जाने से रोक दिया।
भाषा
शुभम धीरज
धीरज