Anti Polygamy Act: बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने की दिशा और आगे बढ़ी राज्य की BJP सरकार, विशेषज्ञ कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री कहते हैं, "मुस्लिम समुदाय को छोड़कर भारत में बहुविवाह आमतौर पर सभी धार्मिक समुदायों में प्रतिबंधित है। भारत अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और अनुबंधों का एक हस्ताक्षरकर्ता है।

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  • Publish Date - August 6, 2023 / 05:33 PM IST,
    Updated On - August 6, 2023 / 05:33 PM IST

Anti Polygamy Act in Asam

गुवाहाटी: असम की हेमंत बिश्वा सरमा की सरकार अपने राज्य में बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गई है। सीएम सरमा ने बताया है विशेषज्ञ समिति ने आज अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। (Anti Polygamy Act in Asam) इस वित्तीय वर्ष के भीतर कानून लागू हो जाएगा। सरकार विधायकों को इसे पढ़ने और चर्चा करने के लिए समय देना चाहते हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार यह कानून बनाने के लिए सक्षम पाया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने साथ ही असम में बाल विवाह के खिलाफ जारी अभियान को भी तेज करने की बात कही है। समिति कानूनी विशेषज्ञों की राय लेगी और संविधान के अनुच्छेद 25 में दिए गए मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के प्रावधानों की जांच करेगी, जो राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत हैं। समिति सभी पहलुओं पर संबंधित पक्षों के साथ गहनता से विचार-विमर्श करेगी।’

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मुख्यमंत्री कहते हैं, “मुस्लिम समुदाय को छोड़कर भारत में बहुविवाह आमतौर पर सभी धार्मिक समुदायों में प्रतिबंधित है। भारत अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और अनुबंधों का एक हस्ताक्षरकर्ता है। नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की समिति का हिस्सा है। (Anti Polygamy Act in Asam) इसमें महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को खत्म करने को कहा गया है। बहुविवाह महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन करता है। यह प्रथा जहां भी मौजूद है, इसे खत्म किया जाना चाहिए।”

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