केरल में आंदोलन तेज करने के लिए आशा कार्यकर्ता अपने बाल काटेंगी

केरल में आंदोलन तेज करने के लिए आशा कार्यकर्ता अपने बाल काटेंगी

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  • Publish Date - March 30, 2025 / 03:13 PM IST,
    Updated On - March 30, 2025 / 03:13 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 30 मार्च (भाषा) केरल सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को ‘अपने बाल काट कर’ आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है।

आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर लगभग 50 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रही हैं।

सरकार की ओर से कोई सकारात्मक निर्णय न लिए जाने के कारण, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पिछले सप्ताह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है।

आशा कार्यकर्ताओं की एक नेता मिनी एस. ने रविवार को मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर उनकी ‘‘चुप्पी’’ को लेकर निशाना साधा और कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगी।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री राज्य में लू की चेतावनी के बीच पशु-पक्षियों और अन्य जीव-जन्तुओं को लेकर चिंतित हैं, लेकिन पिछले 50 दिनों से चिलचिलाती धूप में आंदोलन कर रही इन आशा कार्यकर्ताओं के बारे में उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा है।’’

मिनी एस. ने कहा कि उन्होंने पहले भी कई बार अपने बाल काटे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब वह इसे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बना रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि विभिन्न जिलों से आने वाली कई आशा कार्यकर्ता इस प्रदर्शन के दौरान अपने बाल काटेंगी।’’

पिछले कई हफ्तों से आशा कार्यकर्ता सेवानिवृत्ति के बाद लाभ और मानदेय में वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं।

राज्य की वामपंथी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानदेय में इतनी बड़ी बढ़ोतरी व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है और यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को पूरा करे।

सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत सत्र 2023-24 में केंद्र सरकार से उसे कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है जिससे आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान समेत कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर असर पड़ा है।

हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्य के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने जो बकाया था वह दे दिया है, लेकिन केरल से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं आया है।

केंद्र सरकार ने कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद अपेक्षित राशि आशा कार्यकर्ताओं और राज्य को दे दी जाएगी।

भाषा राखी शफीक

शफीक