Polygamy Ban: राज्य कैबिनेट ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को दी मंजूरी, दोषियों को 7 साल तक की सजा का प्रावधान

Polygamy Ban in Assam : असम कैबिनेट ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दी, पीड़ित महिलाओं को मिलेगा मुआवजा

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  • Publish Date - November 9, 2025 / 10:25 PM IST,
    Updated On - November 9, 2025 / 11:35 PM IST

Polygamy Ban

HIGHLIGHTS
  • 25 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा विधेयक
  • मुआवज़ा देने के लिए एक कोष बनाने का भी फैसला

गुवाहाटी: Polygamy Ban, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके लिए दोषियों को सात साल तक के कठोर कारावास की सजा हो सकती है। हालांकि, छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों के लिए कुछ अपवाद हो सकते हैं।

शर्मा ने यहां मंत्रिमंडल बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बहुविवाह पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने के लिए एक नया कोष भी बनाएगी ताकि उन्हें अपना जीवन जारी रखने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े।

25 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा विधेयक

उन्होंने कहा, ‘‘असम मंत्रिमंडल ने आज बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक का नाम ‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025’ होगा। इसे 25 नवंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा।’’

Polygamy Ban, शर्मा ने कहा कि अगर किसी आरोपी पर बहुविवाह का आरोप साबित होता है, तो उसे सात साल तक की कठोर कारावास की सजा हो सकती है।

मुआवज़ा देने के लिए एक कोष बनाने का भी फैसला

उन्होंने कहा, ‘हमने पीड़ित महिलाओं को मुआवज़ा देने के लिए एक कोष बनाने का भी फैसला किया है। सरकार जरूरी मामलों में आर्थिक मदद करेगी, ताकि किसी भी महिला को जिंदगी में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े।’’

‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025’ क्या है?

यह एक नया कानून है जिसे असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह (Polygamy) पर प्रतिबंध लगाने के लिए मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य एक व्यक्ति द्वारा एक से अधिक विवाह करने पर रोक लगाना है।

इस कानून के तहत सजा क्या होगी?

अगर किसी आरोपी पर बहुविवाह का आरोप साबित होता है, तो उसे सात साल तक के कठोर कारावास की सजा दी जा सकती है।

क्या यह कानून असम के सभी इलाकों में लागू होगा?

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि यह कानून छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों (जहां जनजातीय स्वायत्त परिषदें हैं) में लागू नहीं हो सकता, यानी इन इलाकों के लिए अपवाद रखे गए हैं।

सरकार ने मुआवज़े के लिए कोष क्यों बनाया है?

राज्य सरकार ने बहुविवाह से पीड़ित महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए एक विशेष कोष (fund) बनाने का फैसला किया है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और जीवन में कठिनाई का सामना न करें।