बीड छात्र आत्महत्या: शिंदे ने कांबले के परिवार से की बात, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन

बीड छात्र आत्महत्या: शिंदे ने कांबले के परिवार से की बात, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन

  •  
  • Publish Date - April 22, 2025 / 06:47 PM IST,
    Updated On - April 22, 2025 / 06:47 PM IST

छत्रपति संभाजीनगर, 22 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साक्षी कांबले के परिजनों से मंगलवार को बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

साक्षी ने अपने कॉलेज के कुछ छात्रों द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

साक्षी की मां ने कुछ दिन पहले इस मामले में उपमुख्यमंत्री के हस्तक्षेप करने और उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए पत्र लिखा था, जिसके बाद शिंदे ने कांबले के परिजनों से फोन पर बातचीत की।

महाराष्ट्र विधानपरिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने बीड स्थित कांबले के परिवार से उनके आवास पर मंगलवार को मुलाकात की।

उन्होंने बीड पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिस पुलिस अधिकारी ने शुरुआत में मामले की जांच में देरी करने की कोशिश की थी, उसे जांच का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।

कांबले ने धाराशिव जिले में अपने चाचा के घर पर 14 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

कांबले की मां कोयना विटेकर ने एकनाथ शिंदे को लिखे एक भावुक पत्र में दावा किया कि उनकी बेटी ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि वह कुछ छात्रों के समूह द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं कर सकी। उनमें से एक छात्र ने कांबले की तस्वीरें खींच ली थीं और उसे ब्लैकमेल कर रहा था।

शिंदे ने कांबले के परिवार से फोन पर बात करते हुए कहा, ‘‘मैंने पुलिस महानिरीक्षक और बीड एवं धाराशिव के पुलिस अधीक्षकों से बात की है। मैंने उन्हें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’

गोरहे के अनुसार, उपमुख्यमंत्री ने धाराशिव पुलिस से कहा है कि वह आरोपी को दी गई जमानत के खिलाफ अदालत में अपील करे और उसे रद्द कराने का प्रयास करे।

गोरहे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बीड पुलिस ने (साक्षी कांबले के परिवार को) पूरा सहयोग दिया है। मैंने धाराशिव के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि जिस पुलिस अधिकारी ने पहले जांच में देरी करने की कोशिश की थी, उसे जांच का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।’’

भाषा प्रीति रंजन

रंजन