बेंगलुरु भगदड़ : सीआईडी ​​ने आरसीबी और डीएनए अधिकारियों की हिरासत के अनुरोध को वापस लिया

बेंगलुरु भगदड़ : सीआईडी ​​ने आरसीबी और डीएनए अधिकारियों की हिरासत के अनुरोध को वापस लिया

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  • Publish Date - June 10, 2025 / 10:23 PM IST,
    Updated On - June 10, 2025 / 10:23 PM IST

बेंगलुरु, नौ जून (भाषा) कर्नाटक में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने मंगलवार को बेंगलुरु भगदड़ से संबंधित मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों की हिरासत का अनुरोध किया, लेकिन बाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय में संबंधित मामले में फैसला लंबित होने के मद्देनजर अपने अनुरोध को वापस ले लिया।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल के फाइनल मुकाबले में पहली जीत का जश्न मनाने के लिए चार जून को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक समारोह आयोजित किया गया था, लेकिन स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 56 से अधिक लोग घायल हुए थे।

सीआईडी ​​ने सभी चार आरोपियों – आरसीबी के विपणन प्रमुख निखिल सोसले, सुनील मैथ्यू (निदेशक और उपाध्यक्ष), किरण कुमार (प्रबंधक) और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के शमंत एसपी (टिकटिंग कार्यकारी) को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया।

सीआईडी ​​ने गहन पूछताछ और आगे की जांच के लिए नौ दिनों की हिरासत का अनुरोध किया।

हालांकि, बचाव पक्ष के वकीलों ने हिरासत के आवेदन पर आपत्ति जताई। सोसले की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश चौटा ने कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय में पहले से ही सुनवाई चल रही है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘तुरंत हिरासत मांगने की इतनी जल्दी क्यों है?’’

चौटा ने अदालत से आग्रह किया कि जब तक उच्च न्यायालय अपना फैसला नहीं सुना देता, तब तक आरोपी को सीआईडी ​​की हिरासत में नहीं भेजा जाए।

इस पर, न्यायाधीश ने कहा कि गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित याचिका अभी भी विचाराधीन है। न्यायाधीश ने सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जगदीश से पूछा, ‘‘सिर्फ एक दिन की हिरासत से वास्तव में क्या हासिल किया जा सकता है? इतनी जल्दी क्यों है?’’

एएसपी ने जवाब दिया कि जारी जांच के लिए हिरासत महत्वपूर्ण है।

महाधिवक्ता के साथ परामर्श के बाद, एएसपी जगदीश ने अदालत को सूचित किया कि सीआईडी ​​उच्च न्यायालय की कार्यवाही समाप्त होने तक हिरासत के अपने अनुरोध को वापस ले रही है। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया और हिरासत न दिए जाने के कारण चारों आरोपियों को जेल वापस भेज दिया गया।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप