जयपुर, 14 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत शुक्रवार को यहां धानक्या गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक पहुंचे और उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की ।
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति की गत छह साल की गतिविधियों पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
एक बयान के अनुसार इस अवसर पर डॉ. भागवत ने कहा कि पंडित दीनदयाल के दर्शन के पीछे उनके पूरे जीवन की तपस्या है। उन्होंने कहा, ‘‘वह कोरा चिंतन नहीं है, बल्कि जीवन के अनुभव की गहराई में जो मनन हुआ है उसका परिणाम है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह दर्शन नया नहीं है, अपना सनातन दर्शन ही है। पंडित दीनदयाल ने इस दर्शन को देशकाल और परिस्थिति के अनुसार प्रस्तुत किया है। ऋषि- मुनियों ने जो कहा, जो अनुभव किया और उसका एक परिष्कृत रूप उन्होंने समाज के सामने रखा। ’’
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल स्वतंत्र भारत में एकमात्र उदाहरण है जिन्होंने राजनीति में जाकर राजनीति की प्रकृति को बदलने का प्रयास किया, लेकिन राजनीति में रहकर भी अपने मूल चरित्र और स्वभाव में बिल्कुल बदलाव नहीं होने दिया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. मोहन लाल छीपा ने कहा कि समिति का लक्ष्य सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं में दीनदयाल भाव जागृत करना है और इस दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है।
भाषा पृथ्वी राजकुमार
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