इस स्मार्टफोन कंपनी को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने इन शर्तों के साथ भारत में बैंक अकाउंट संचालित करने की दी अनुमति

Big relief to this smartphone company, High Court in India प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोधक जांच में Vivo के इन खातों पर रोक लगाई थी।

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  • Publish Date - July 13, 2022 / 06:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

Smartphone company: नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो को अपने विभिन्न बैंक खातों से लेनदेन की अनुमति दे दी है। लेकिन इसके लिए कंपनी को एक सप्ताह के भीतर प्रवर्तन निदेशालय को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी।

गौरतलब है कि, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोधक जांच के सिलसिले में Vivo के इन खातों पर रोक लगाई थी। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कंपनी को ईडी को बाहर भेजे गए धन की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने वीवो के विभिन्न बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करने वाली कंपनी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस भी जारी किया।

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Smartphone company: वहीं ईडी का कहना है कि अपराध के जरिए कंपनी की अनुमानित कमाई करीब 1,200 करोड़ रुपये है। अदालत ने कंपनी से बैंक खातों में 251 करोड़ रुपये की राशि बनाए रखने को भी कहा है, जो खातों पर रोक लगाए जाने के दौरान थी। उसने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल अगले आदेश तक नहीं किया जाए।

उच्च न्यायालय ने ईडी को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है।

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Smartphone company: वीवो ने खातों पर रोक हटाने के अलावा कुछ देनदारी के निपटान के लिए बैंक खातों से लेनदेन की इजाजत भी मांगी थी। जांच एजेंसी ने पांच जुलाई को वीवो और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धन शोधन की जांच में देशभर में कई स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय और महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में धन शोधन रोधक कानून के तहत मारे गए थे।

8 जुलाई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा था कि वीवो के अनुरोध पर वह विचार करे जिसमें कंपनी ने कुछ देनदारी के निपटान के लिए बैंक खातों से लेनदेन करने की इजाजत मांगी है। उन्होंने वीवो के विभिन्न बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करने वाली कंपनी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस भी जारी किया।

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