नई दिल्ली: Mallikarjun Kharge मल्लिकार्जुन खरगे यूं तो कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, लेकिन कांग्रेस में उनकी क्या हैसियत है और पार्टी में उनका कितना दबदबा है इस पर सवाल खडे़ हो गए है। दरअसल हुआ यूं की खरगे से कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल पूछा गया। जिस पर खरगे ना तो इससे इनकार कर पाए और ना ही इस पर हामी भरी। बल्कि गेंद हाईकमान के पाले में डाल दी। जिससे बीजेपी को ये तंस कसने का मौका मिल गया की खरगे नाम मात्र के अध्यक्ष हैं और फैसले उनकी जगह कोई और ले रहा है। अब ये कौन है जो खरगे की जगह फैसले ले रहा है इस पर सियासी घमासान छिड़ गया है।
Mallikarjun Kharge कर्नाटक में सीएम पद की शपथ लिए सिद्धारमैय्या को अभी ढाई साल भी पूरे नहीं हुए है, लेकिन उनकी कुर्सी अभी से हिलने लगी है। कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरुनी खींचतान तेज हो गई है और नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा गर्म है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को इसे तब और हवा दे दी जब एक सवाल के जवाब में खरगे ने इसकी संभावना से इंकार नहीं किया बल्कि इसका फैसला पार्टी हाईकमान पर डालकर इसे और तूल दे दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। यानी पार्टी के सर्वेसर्वा.. लेकिन कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की जिम्मेदारी हाईकमान पर डालकर खरगे ने बीजेपी को निशाना साधाने का मौका दे दिया। बीजेपी ने खरगे के बयान पर मौके पर चौका मारने पर देरी नहीं की। कर्नाटक से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने X पर लिखा “कांग्रेस हाईकमान एक भूत की तरह है। ये अदृश्य और अनसुना है, लेकिन हमेशा महसूस किया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष, जिन्हें लोग हाईकमान समझते थे, वे भी इसका नाम फुसफुसाते हैं और कहते हैं कि यह वे नहीं हैं। ये कितना भयानक है!
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने भी खड़गे पर तंज कसा और उन्हें “एक्सीडेंटल” नेता बताया… अशोक ने X पर लिखा “अब यह श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी हैं, जो एक्सीडेंटल AICC अध्यक्ष हैं और गर्व से स्वीकार करते हैं कि उन्हें नहीं पता कि “हाईकमान” क्या सोच रहा है।
बीजेपी हमेशा ने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगती आई है। खरगे के इस बयान ने बीजेपी के इस आरोप को बल दे दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद नाम मात्र का है.. कांग्रेस में फैसले एक ही परिवार के लोग मिलकर तय करते है। खरगे से पहले राहुल और लंबे समय पर सोनिया गांधी कांंग्रेस के अध्यक्ष रहे। बाद में इस बात पर जोर दिया गया कि अगला अध्यक्ष गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का हो, लेकिन खरगे के बयान से लगता तो नहीं कि कांग्रेस की कमान उनके पास है।