राजनीतिक फायदे के लिए सावरकर के नाम का इस्तेमाल कर रही भाजपा: शिवसेना (उबाठा) सांसद प्रियंका

राजनीतिक फायदे के लिए सावरकर के नाम का इस्तेमाल कर रही भाजपा: शिवसेना (उबाठा) सांसद प्रियंका

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  • Publish Date - February 12, 2025 / 05:26 PM IST,
    Updated On - February 12, 2025 / 05:26 PM IST

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) शिवसेना (उबाठा) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राजनीतिक फायदे के लिए विनायक दामोदर सावरकर के नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की।

शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य का यह बयान ऐसे समय में आया है जब फ्रांस के मारसेई की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंग्रेजों द्वारा एक जहाज में भारत ले जाए जाते समय सावरकर के बचकर निकलने के प्रयासों को याद किया।

चतुर्वेदी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘वीर सावरकर जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शिवसेना ने हमेशा उनके लिए भारत रत्न की मांग की है, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही। वे राजनीति के लिए वीर सावरकर जी को याद करते हैं और जब उनका काम हो जाता है तो उन्हें भूल जाते हैं।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि किसी स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित किए जाने पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने फ्रांस में उन्हें श्रद्धांजलि दी है जहां से उनका संघर्ष शुरू हुआ और उन्हें जेल भेजा गया। अगर हम स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करते हैं तो इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह नहीं भूलना चाहिए कि इंदिरा गांधी जी ने भी उन पर एक वृत्तचित्र बनवाया थी और एक डाक टिकट भी जारी किया था। सबका नजरिया अलग था, चाहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों, या वीर सावरकर हों, लेकिन उनका लक्ष्य एक ही था, अंग्रेजों से आजादी।’’

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार रात (स्थानीय समयानुसार)दक्षिण फ्रांस के मारसेई पहुंचे और उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि दी।

मोदी ने वहां पहुंचने के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मारसेई पहुंचा हूं। भारत के स्वतंत्रता के संघर्ष में यह शहर विशेष महत्व रखता है। यहीं पर महान वीर सावरकर ने बच निकलने का साहसिक प्रयास किया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मारसेई के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में नहीं सौंपा जाए। वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’’

भाषा

वैभव माधव

माधव