बस मार्शलों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया

बस मार्शलों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - October 8, 2025 / 07:32 PM IST,
    Updated On - October 8, 2025 / 07:32 PM IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) नौकरी से निकाले जाने के लगभग दो साल बाद बुधवार को बड़ी संख्या में बस मार्शलों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और नौकरी की बहाली की मांग की।

वित्त और राजस्व विभागों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बाद सार्वजनिक बसों में मार्शल के रूप में तैनात लगभग 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं 2023 में यह कहकर समाप्त कर दी गयी थी कि उन्हें केवल प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित कर्तव्यों के लिए ही नियुक्त किया जा सकता है और बस मार्शल के रूप में उनकी तैनाती गलत थी।

बस मार्शलों ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव के समय उन्हें स्थायी रोजगार देने का वादा किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आने के 60 दिनों के भीतर वे हमारी नौकरी बहाल कर देंगे। आठ महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं किया गया।

प्रदर्शनकारी बस मार्शल सचिन भरवाल ने कहा, ‘हमने कई नेताओं से मिलने की कोशिश की जिन्होंने हमें रोजगार देने का वादा किया था लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा है। हम एक निश्चित जवाब चाहते हैं कि हमें बहाल किया जाएगा या नहीं।’

उन्होंने कहा कि लगभग 10,000 बस मार्शलों और उनके परिवारों ने भाजपा को वोट दिया लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिला।

उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा था कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता में लौटती है, तो हमारी बहाली को अंतिम रूप देने में दिक्कतें आएंगी। इसीलिए हमने सुनिश्चित किया कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने।’

एक अन्य प्रदर्शनकारी बस मार्शल हेमंत रावत ने आरोप लगाया कि उन्हें छोटे-मोटे काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनका गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘मैं विनोद नगर में किराए पर रहता हूं। मैं घर का अकेला कमाने वाला हूं। मेरी दो बेटियों की स्कूल फीस भरना मुश्किल हो गया है। रोजगार के अवसर बहुत कम हैं।’

भाषा

राखी नरेश

नरेश