कोलकाता, 11 जुलाई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने माओवादियों द्वारा समर्थित पीपुल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीएपीए) के पूर्व नेता छत्रधर महतो को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज एक मामले में मंगलवार को जमानत दे दी।
अदालत ने महतो को पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में प्रवेश नहीं करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की एक खंडपीठ ने निर्देश दिया कि महतो को 50,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो मुचलके देने पर जमानत पर रिहा किया जाए।
पीठ ने निर्देश दिया कि महतो अगले आदेश तक सुनवाई की हर तारीख पर निचली अदालत के सामने पेश होगा और किसी भी तरह से गवाहों को धमकाएगा नहीं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।
महतो को अगले आदेश तक सप्ताह में एक बार मुख्य जांच अधिकारी, एनआईए के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया। महतो को एनआईए ने 28 मार्च, 2021 को 2009 के तीन मामलों के संबंध में हिरासत में लिया था, जिनमें से दो लालगढ़ के और तीसरा झारग्राम पुलिस थाने का था।
जमानत का अनुरोध करते हुए महतो के वकील मिलन मुखर्जी ने कहा कि एनआईए की प्राथमिकी घटना की तारीख से लगभग 11 साल बाद दर्ज की गई।
उन्होंने दावा किया कि सुनवायी जल्द पूरा होने की कोई संभावना नहीं है तथा अभी आरोप भी तय नहीं किए गए हैं।
एनआईए की ओर से पेश उप सॉलिसिटर जनरल बिल्वादल भट्टाचार्य ने कहा कि महतो के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। उन्होंने दावा किया कि महतो 27 अक्टूबर, 2009 को पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम के बंसताला स्टेशन पर दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस के अपहरण का मुख्य षड्यंत्रकर्ता है।
भाषा अमित नरेश
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