कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोयला खनन की जांच के संबंध में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोयला खनन की जांच के संबंध में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई

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  • Publish Date - February 12, 2021 / 12:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

कोलकाता, 12 फरवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी, जिसके तहत कथित अवैध खनन और कोयले के परिवहन की सीबीआई जांच का दायरा पश्चिम बंगाल के सिर्फ रेलवे इलाकों तक सीमित कर दिया गया था।

अदालत ने आरोपी अनूप माजी द्वारा उसके खिलाफ किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई से अंतरित राहत दिये जाने के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति रजनीश बिंदल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की खंड पीठ ने कहा कि यदि अभी जांच प्रक्रिया रोकी जाती है, तो ऐसे साक्ष्य छूट सकते हैं, जिन्हें जुटाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही, आरोपी अपने उस उद्देश्य में सफल हो सकता है जिसके लिए यह याचिका दायर की गई है।

पीठ ने कहा कि यह मामला अवैध खनन और याचिकाकर्ता माजी समेत, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड, सीआईएसएफ के अधिकारियों एवं अन्य की मिलीभगत से रेलवे के जरिए कोयले के परिवहन से संबंधित है, ऐसे में प्राथमिकी में जिक्र किये गये अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जोखिम में पड़ जाएगी।

साथ ही, खंड पीठ ने तीन फरवरी को एकल पीठ द्वारा जारी किये गये आदेश पर रोक लगा दी। आदेश में कह गया था कि सीबीआई इस प्राथमिकी के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में रलेवे इलाकों के अंदर ही जांच जारी रखने के लिए अधिकृत है।

बहरहाल, अदालत ने सभी पक्षों को अपील में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं, मामले की अगली सुनवाई अब 27 अप्रैल को होगी।

भाषा

शफीक सुभाष

सुभाष