(अभिषेक शुक्ला)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जिनेवा स्थित भारत के स्थायी मिशन में तैनात एक पूर्व लेखा अधिकारी द्वारा दो लाख स्विस फ्रैंक (लगभग दो करोड़ रुपये) से अधिक की धोखाधड़ी की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि उसने इस राशि का इस्तेमाल अपने क्रिप्टो-जुआ कारोबार को वित्तपोषित करने के लिए किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मोहित ने 17 दिसंबर, 2024 को जिनेवा स्थित स्थायी मिशन में सहायक अनुभाग अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला था और उन्हें यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (यूबीएस) में भुगतान निर्देशों को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जहां मिशन के खाते में राशि अमेरिकी डॉलर और स्विस फ्रैंक (सीएचएफ) में जमा की जाती है।
उन्होंने बताया कि यह विसंगति सीएचएफ खाते में पाई गई। मिशन ने स्विस वेंडर को उनके चालानों के आधार पर सीएचएफ में भुगतान किया, जिन पर वेंडर के बैंक और चालान विवरण को कोडित करने वाले पूर्व-मुद्रित क्यूआर कोड थे।
अधिकारियों के मुताबिक क्यूआर कोड की भौतिक प्रति, डीडीओ तुषार लकरा द्वारा हस्ताक्षरित भुगतान निर्देश पर्चियां, आवश्यक भुगतान करने के लिए यूबीएस को जमा की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि एक ही बैंक भुगतान निर्देश पर्ची के अंतर्गत कई क्यूआर कोड संकलित करना एक सामान्य प्रक्रिया थी और मोहित को क्यूआर कोड और भुगतान निर्देश पर्चियों को स्वयं यूबीएस ले जाने का कार्य सौंपा गया था। उन्हें चांसरी प्रमुख अमित कुमार के साथ खातों की जानकारी देखने का अधिकार भी प्राप्त था।
ऐसा संदेह है कि मोहित ने गुपचुप तरीके से कुछ विक्रेताओं के क्यूआर कोड को स्वयं द्वारा बनाए गए क्यूआर कोड से बदल दिया, जिससे भुगतान वेंडर के खाते के बजाय यूबीएस में उसके व्यक्तिगत सीएचएफ खाते में स्थानांतरित हो गया।
अधिकारियों के मुताबिक, इस तरकीब का इस्तेमाल करते हुए मोहित ने कथित तौर पर इस साल दो लाख सीएचएफ से अधिक (दो करोड़ रुपये से अधिक) की रकम अपने निजी यूबीएस खाते में स्थानांतरित कर दी।
सीबीआई ने मोहित के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी, खातों में हेराफेरी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
भाषा
शफीक देवेंद्र
देवेंद्र