Latest update on petrol-diesel: जल्द कम हो सकते हैं भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम, इस वजह से सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

गुरुवार को तेल की कीमतों में 5 डॉलर से भी अधिक की गिरावट आई और साथ ही लीबिया से तेल की सप्लाई वापस आने से सप्लाई की भी परेशानी काफी हद तक कम हो गई है।

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  • Publish Date - July 22, 2022 / 04:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

Latest update on petrol-diesel: नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम देश में जल्द ही कम हो सकते हैं क्योंकि गुरुवार को फिर से क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट आई है। इस गिरावट के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटा सकती है। क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट के मुख्य तौर पर दो वजह बताई जा रही है। पहली वजह अमेरिका में गैसोलाइन के स्टॉक में बढ़ोतरी और दूसरा ECB द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि । इन दोनों ही वजहों से गुरुवार को तेल की कीमतों में 5 डॉलर से भी अधिक की गिरावट आई और साथ ही लीबिया से तेल की सप्लाई वापस आने से सप्लाई की भी परेशानी काफी हद तक कम हो गई है।

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क्रूड ऑयल के दाम गिरे

बता दें कि पिछले सत्र में 0.4% फिसलकर 1224 GMT से ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 3.88 डॉलर, या 3.6% गिरकर 103.04 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया,जबकि बुधवार को 1.9% की गिरावट के बाद यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड फ्यूचर्स $3.79 या 3.8 फीसदी नीचे गिरकर $96.09 पर था। क्रूड ऑयल के दाम गिरने के बाद अब उम्मीद है कि भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो सकती है।

क्या हैं एक्सपर्ट्स के विचार ?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में लगातार तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार कोई फैसला कर सकती है। लेकिन पहले सरकार तेल की कीमत में स्थिरता को देखेगी, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक, तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव की बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी तेल का नुकसान होना है। इसकी वजह से ट्रेडर्स को सप्लाई में कटौती करनी पड़ी है।

यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB)भी बढ़ाएगा दरें ?

वहीं, दूसरी तरफ ये खबर है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ECB) भी दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह दरों में बढ़ोतरी करने की प्लानिंग में है। दरअसल, यूरोपीय केंद्रीय बैंक अब आर्थिक सुस्ती की जगह बढ़ती महंगाई से उबरने की कोशिश करगा, जिससे तेल की मांग पर असर पड़ सकता है। इसे लेकर कोई बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है।

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