मेंगलुरु, सात मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र ने उसकी मानसिकता और देश की बहुसख्यंक आबादी, उसकी संस्कृति और धर्म के प्रति नफरत को उजागर कर दिया है।
शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र तृष्टीकरण की राजनीति का दस्तावेज है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से तृष्टीकरण की नीति में संलिप्त रही है और राज्य की पूर्ववर्ती सिद्धरमैया सरकार ने अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस ले लिया था।
उन्होंने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध असम में सफल रहा है और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त संगठन के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अब पीएफआई की तुलना बजरंग दल से कर रही है जिसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बजरंग दल को किसी भी तरीके से देश विरोधी या चरमपंथी संगठन नहीं कहा जा सकता।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक की जनता जो सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में नेतृत्व कर रही है, उसे कांग्रेस की गांरटी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिनकी अपनी राजनीति में कोई गारंटी नहीं है, कैसे कर्नाटक की जनता को गारंटी दे सकते हैं।’’
शर्मा ने कहा कि भाजपा जाति, नस्ल और धर्म से इतर समाज के सभी लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि भीमराव अंबेडकर ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था।
भाषा धीरज नेत्रपाल
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