विमानों, रेस्तरां, किराने की दुकानों में खतरे की तुलना आसानी से नहीं की जा सकती है: वैज्ञानिक

विमानों, रेस्तरां, किराने की दुकानों में खतरे की तुलना आसानी से नहीं की जा सकती है: वैज्ञानिक

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  • Publish Date - November 1, 2020 / 11:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, एक नवम्बर (भाषा) हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान बाहर भोजन करना और किराने का सामान खरीदना हवाई यात्रा से अधिक खतरनाक हो सकता हैं।

कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की तुलना इन बातों की जानकारी के बिना नहीं की जा सकती कि क्या इन प्रत्येक परिदृश्यों में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी मानदंडों का ठीक से पालन किया जाता है।

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अमेरिका में हार्वर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों, एयरलाइंस, हवाई अड्डों और विमान निर्माताओं द्वारा वित्त पोषित शोध में कहा गया है कि

उच्च दक्षता वाले पार्टिकुलेट एयर (एचईपीए) फिल्टरों से बने विमानों में वेंटिलेशन प्रणाली के जरिये स्वच्छ और ताजा हवा की आपूर्ति करती है जो 99 प्रतिशत से अधिक उन कणों को छानती है जो कोविड-19 का कारण बन सकते हैं।

हालांकि, अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अर्नोल्ड आई बार्नेट सहित शोधकर्ताओं ने कहा कि एचईपीए फिल्टर विमानों में प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते हैं जैसा कि रिपोर्ट से पता चलता है।

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स्वास्थ्य और सुरक्षा की समस्याओं पर केन्द्रित सांख्यिकी के प्रोफेसर बार्नेट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘एचईपीए फिल्टर बहुत अच्छे हैं, लेकिन अमेरिकी एयरलाइनों के सुझाव के अनुसार प्रभावी नहीं हैं। वे पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं और इन फिल्टरों के बावजूद संक्रमण के कई उदाहरण हैं।’’

एमआईटी के वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘कोविड-19 के लिए किसी भी प्रक्रिया को पूरी तरह से सक्षम नही समझा जा सकता है।’’

अमेरिका में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन विभाग से अबरार करण ने भी विमान में संक्रमण खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की।

करण ने ट्वीट किया, ‘‘हवाई यात्रा पर विचार करने वालों के लिए, वास्तविकता यह है कि जब विमानों में वेंटिलेशन सिस्टम होता है, तो हमें इस बात का अच्छा अनुमान नहीं होता है कि विमान में ही कोविड-19 के कितने मामले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने के लिए सही तरीके की जांच नहीं कर रहे हैं।’’