नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने राष्ट्रीय राजधानी के पूर्वी हिस्सों में दशकों पुरानी पानी की पाइपलाइनों को बदलने के लिए एक परियोजना शुरू की है।
यह परियोजना क्षेत्र के निवासियों को ‘‘सीवर के गंदे पानी से मिश्रित’’ पानी की आपूर्ति करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के कुछ दिन बाद शुरू की गई है।
डीजेबी के अधिकारियों के अनुसार योजना विहार, जागृति एन्क्लेव, शांति मोहल्ला, झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र, दिलशाद गार्डन, गांधी नगर और आईपी एक्सटेंशन सहित कई इलाकों में 35 साल पुरानी पाइपलाइनों को बदलने के लिए निविदाएं जारी की गयी हैं।
इन निविदाओं को जमा करने की अंतिम तारीख 14 जुलाई से 16 जुलाई के बीच निर्धारित की गई है। एक बार निविदा प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जमीनी कार्य शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है।
निरीक्षणों से पता चला कि इन क्षेत्रों में जल प्रदूषण का मुख्य कारण जंग लगी और पुरानी पाइपलाइन हैं। डीजेबी का इन पाइपलाइनों को बदलने का लक्ष्य है।
योजना विहार के सी-ब्लॉक में ‘‘सीवर के गंदे पानी से मिश्रित’’ पानी की समस्या विशेष रूप से गंभीर है। वहां डीजेबी 22 लाख रुपये की लागत से पाइपलाइन बदलने का कार्य करेगा। काम शुरू होने के दो महीने के भीतर इस परियोजना के पूरे होने की उम्मीद है।
इसी प्रकार, जागृति एन्क्लेव में क्षतिग्रस्त 100 मिलीमीटर की लाइन को बदलने के लिए 300 मिलीमीटर की नयी पाइपलाइन डाली जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 15 लाख रुपये है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘(परियोजनाओं के लिए) निविदाएं जारी कर दी गयी हैं और निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 14 जुलाई से 16 जुलाई के बीच है। निविदा को अंतिम रूप देने के बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।’’
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार जुलाई को योजना विहार, आनंद विहार और जागृति एन्क्लेव के निवासियों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डीजेबी को कॉलोनियों में प्रदूषित पानी की आपूर्ति करने को लेकर फटकार लगाई थी और पूछा कि अधिकारी नागरिकों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे ‘‘सीवर के गंदे पानी से मिश्रित’’ पानी पीएं।
पीठ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन घरों और आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति की पुरानी और क्षतिग्रस्त पाइपलाइन को बदलने का कार्य अगस्त तक पूरा किया जाए और ऐसा न करने को अदालत गंभीरता से लेगी।
भाषा गोला खारी
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