दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, 24 दिन बाद ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, 24 दिन बाद ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 09:06 PM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 09:06 PM IST

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 24 दिनों तक ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद रविवार को सुधरकर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 279 दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में पिछली बार एक्यूआई पांच नवंबर को ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था, जिसके बाद यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना रहा।

आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम चार बजे 24 घंटे का औसत एक्यूआई 279 दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को यह 305, शुक्रवार को 369, बृहस्पतिवार को 377, बुधवार को 327, मंगलवार को 352 और सोमवार को 382 था।

सीपीसीबी की ओर से विकसित समीर ऐप के मुताबिक, दिल्ली में किसी भी निगरानी केंद्र ने रविवार को शनिवार की तरह ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दर्ज नहीं की। इसके विपरीत, शुक्रवार को आठ केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी।

सीपीसीबी 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है।

नवंबर माह का औसत एक्यूआई 357 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है, लेकिन यह 2024 में दर्ज औसत एक्यूआई 374 तथा 2023 में दर्ज औसत एक्यूआई 366 से कम है।

सीपीसीबी के अनुसार, नवंबर में शहर में एक भी ‘अच्छी’, ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ वायु गुणवत्ता वाला दिन दर्ज नहीं किया गया, जबकि तीन दिन एक्यूआई ‘खराब’, 24 दिन ‘बहुत खराब’ और तीन दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में था।

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में ही बने रहने की संभावना है।

‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि हवा की गति तेज रहने की संभावना के मद्देनजर कम से कम अगले दो दिनों तक एक्यूआई के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका नहीं है।

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे की निर्णय सहायता प्रणाली ने अनुमान लगाया है कि रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का योगदान 18.6 प्रतिशत था, जो सोमवार को लगभग 18.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भाषा तान्या पारुल

पारुल