ड्रोन प्रौद्योगिकी आधुनिक युद्ध का निर्णायक तत्व बन गया है : बीएसएफ के महानिरीक्षक

ड्रोन प्रौद्योगिकी आधुनिक युद्ध का निर्णायक तत्व बन गया है : बीएसएफ के महानिरीक्षक

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  • Publish Date - November 29, 2025 / 09:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2025 / 09:46 PM IST

जम्मू, 29 नवंबर (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शनिवार को कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी आधुनिक युद्ध का निर्णायक तत्व बन गया है तथा रूस-यूक्रेन से लेकर इजराइल-फलस्तीन तक, दुनिया भर में हो रहे संघर्षों से पता चलता है कि कैसे विभिन्न देश हवाई क्षेत्र का दोहन कर रहे हैं।

बीएसएफ के महानिरीक्षक, जम्मू फ्रंटियर, शशांक आनंद ने संवाददाताओं को बताया कि भारत ने मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इसी तरह की रणनीति देखी थी, जब पाकिस्तान ने हवाई प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का प्रयास किया था।

उनके साथ, बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) विक्रम कुंवर और कुलवंत राय शर्मा भी थे।

आईजी आनंद ने कहा, ‘‘बीएसएफ और अन्य एजेंसियां ​​ड्रोन की चुनौतियों से निपट रही हैं। हम अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं और हमें उम्मीद है कि अगले साल हम और भी ज़्यादा सफल होंगे।’’

उन्होंने कहा कि ड्रोन और ड्रोन-रोधी नवाचार अनुसंधान व विकास की निरंतर प्रक्रिया में हैं तथा बीएसएफ अपने उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के संघर्षों या सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में अनिवार्य रूप से एक मज़बूत हवाई घटक शामिल होगा, जिससे ड्रोन-रोधी तैयारी सर्वोच्च प्राथमिकता बन जाएगी।’’

महानिरीक्षक ने कहा कि बीएसएफ 2019 से ड्रोन-आधारित खतरों से निपट रहा है, जब पंजाब में ड्रोन के माध्यम से सीमा पार से तस्करी शुरू हुई थी।

आईजी ने कहा कि मई में हुए भारत-पाकिस्तान के संक्षिप्त संघर्ष सहित विश्व भर में हुए सभी हालिया युद्धों में, संबंधित देशों ने अपने-अपने तरीके से हवाई प्लेटफॉर्म का फायदा उठाने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए, सुरक्षा बलों को सतर्क रहना होगा क्योंकि राष्ट्र-विरोधी तत्व हमेशा स्थिति का फायदा उठाने के लिए किसी भी तरह की खामी की तलाश में रहते हैं।

डीआईजी शर्मा ने कहा कि सुरक्षा बल धीरे-धीरे सीमा सुरक्षा से सीमा प्रबंधन की ओर बढ़ रहा है।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप