डीएससीआई स्कूली बच्चों में कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए पंख पहल को मजबूत करेगा

डीएससीआई स्कूली बच्चों में कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए पंख पहल को मजबूत करेगा

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  • Publish Date - December 27, 2025 / 04:54 PM IST,
    Updated On - December 27, 2025 / 04:54 PM IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) दिल्ली राज्य कैंसर चिकित्सा संस्थान (डीएससीआई) अपनी ‘पंख’ पहल को मजबूत करने की योजना बना रहा है ताकि कम उम्र में शिक्षा के माध्यम से कैंसर की रोकथाम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान कर सके।

संस्थान का लक्ष्य अपनी पहुंच सालाना 12 स्कूलों से बढ़ाकर 25-30 स्कूलों तक करना है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण की प्रतिबद्धता और बेहतर कल की दृष्टि के साथ, दिल्ली राज्य कैंसर चिकित्सा संस्थान अपने प्रमुख जनसंपर्क कार्यक्रम पीएएनकेएच (पंख) के माध्यम से स्कूली बच्चों के बीच कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

पीएएनकेएच से आशय रोकथाम, जागरूकता, पोषण, ज्ञान और आशा से है।

अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘एक साल पहले शुरू की गई इस पहल के जरिये दिल्ली के एक दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों में हजारों छात्र-छात्राओं को सफलतापूर्वक शिक्षित किया गया है।’’

बयान में कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य कैंसर के बारे में सटीक जानकारी देकर, रोकथाम, शीघ्र पता लगाने और स्वस्थ जीवन शैली से जुड़े तौर-तरीकों पर ध्यान केंद्रित करके बच्चों को सशक्त बनाना है।

यह अभियान ‘डीएससीआई @ स्कूल विद पंख’ बैनर के तहत चलाया गया है। इस अवधारणा की कल्पना डीएससीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज त्यागी ने की थी।

कार्यक्रम को डीएससीआई की जनसंपर्क कार्यकारी रंजना कुमारी के समन्वय के तहत जमीनी स्तर पर लागू किया जाता है, जो स्कूलों के साथ संपर्क करती हैं और वरिष्ठ संकाय सदस्यों और चिकित्सकों के साथ सत्रों के सुचारु निष्पादन को सुनिश्चित करती हैं।

इस पहल के बारे में बताते हुए डीएससीआई के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने कहा, ‘‘यह एक अनोखी पहल है जहां एक अस्पताल हमारे राष्ट्र के स्वस्थ, स्मार्ट और उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्कूलों तक पहुंचता है। मैं पूरी कैंसर जागरूकता टीम को बधाई देता हूं और स्कूलों को उनके पूर्ण समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।’’

पहल के संरक्षक डॉ. पंकज त्यागी ने कहा, ‘‘हमने एक सफल शुरुआत की है और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य हर महीने दो से तीन स्कूलों को कवर करना है।’’

भाषा संतोष रंजन

रंजन