नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने मंगलवार को कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने केंद्रीय पुस्तकालय के विस्तार के लिए 110 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।
सिंह ने ‘द सेंटेनरी ई-बुक कलेक्शन एंड डिजिटल आर्काइव’ के लोकार्पण के मौके पर यह घोषणा की।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों में पुस्तकालय बहुत अहम भूमिका निभाते हैं और अब ई-संसाधनों के रूप में एक बड़ा बदलाव आया है।
उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी बड़े आराम से ई-पुस्तकें पढ़ते हैं, लिहाज़ा ‘हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।”
सिंह ने कहा कि इंटरनेट की वजह से काम करने के तरीकों में पिछले 20-30 वर्षों में बहुत बदलाव आए हैं। उन्होंने कहा, “ यूपीआई से लेन-देन के मामले में भारत दुनिया में एक प्रमुख देश के रूप में उभरा है।”
कुलपति ने कहा कि व्यवस्था में चीजों को बदलना होगा और इसी तरह पुस्तकालय को भी ढालना होगा और ये हर जगह से पहुंच में होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब ई-जर्नल की अवधारणा आई तो कई शिक्षाविद् इससे सहज नहीं थे, लेकिन अब सोच में बदलाव आया है और ई-जर्नल तथा मुद्रित जर्नल में कोई फर्क नहीं है।
सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने ई-संसाधनों के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं और पुस्तकालय के विस्तार और निर्माण कार्यों के लिए 110 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की है।
कुलपति ने यह भी बताया कि इसका निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा।
डीयू के पुस्तकालय अध्यक्ष राजेश सिंह कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय प्रणाली (डीयूएलएस) में 17 लाख से ज्यादा दस्तावेज़ हैं, जिनमें किताबें, मुद्रित पत्र-पत्रिकाएं, मोनोग्राफ और थीसिस समेत अन्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि डीयूएलएस ने इस साल दुनिया के नौ प्रतिष्ठित प्रकाशकों से विषय संग्रह प्राप्त किए हैं और 83,000 से अधिक ई-पुस्तकों और डिजिटल अभिलेखागार को शताब्दी संग्रह के रूप में शामिल किया है, ताकि विश्वविद्यालय की डिजिटल पुस्तकालय सेवाओं को मजबूत किया जा सके।
भाषा नोमान दिलीप
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