माले: भारत और मालदीव के बीच पैदा हुए विवाद के बाद अब मालदीव पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुका हैं। मालदीव के सांसद और पूर्व डिप्टी स्पीकर ईवा अब्दुल्ला ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोइज्जू सरकार को नसीहत दी हैं कि उन्हें भारतीयों से औपचारिक तौर पर माफ़ी मांग लेनी चाहिए।
न्यूज एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में अब्दुल्लाह ने कहा ‘”यह बिल्कुल महत्वपूर्ण है कि मालदीव सरकार ने मंत्री की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया। मुझे पता है कि सरकार ने मंत्रियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मालदीव सरकार भारतीय लोगों से औपचारिक माफी मांगे। मंत्री की टिप्पणियाँ पूरी तरह से शर्मनाक, नस्लवादी और असहनीय हैं। मंत्री के शब्द किसी भी तरह से मालदीव के लोगों की राय का प्रतिबिंब नहीं हैं। हम इस बात से अच्छी तरह परिचित हैं कि हम भारत पर कितने निर्भर रहे हैं, और भारत हमेशा से रहा है जब भी हमें जरूरत होती है तो हम सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं। हम आर्थिक संबंधों, सामाजिक संबंधों, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार, पर्यटन के लिए भारत पर निर्भर रहे हैं और मालदीव के लोग इसके लिए बहुत आभारी हैं और इसके बारे में बहुत जागरूक हैं…”
#WATCH | On Maldives MP’s post on PM Modi’s visit to Lakshadweep, Maldives MP and Former Deputy Speaker, Eva Abdullah says “It is absolutely critical that the Government of Maldives distanced itself from the comments by the minister. I know that the government has suspended the… pic.twitter.com/RzgitjAfos
— ANI (@ANI) January 7, 2024
इस पूरे विवाद के बीच सोमवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने मालदीव के उच्चायुक्त को मंत्रालय तब किया था। मीडिया रिपोर्ट का दावा हैं कि हाई कमिश्नर को मंत्रालय के तरफ से कड़ी फटकार लगाते हुए उन्हें समन भी जारी किया गया हैं। हैरानी की बात यह भी हैं कि हाई कमिश्नर इब्राहिम शाहिब महज पांच मिनट के भीतर से मंत्रालय से बाहर आ गए।
दरअसल पिछले दिनों कूटनीतिक संबंधो को ताक पर रखते हुए मालदीव ने “इंडिआ आउट” नाम का कैम्पेन चलाया था। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्यद्वीप का दौरा किया और वहां के पर्यटन के बारे में बातें लिखी। पीएम के इसी कदम के बाद मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने ना सिर्फ पीएम मोदी के बारें में अनर्गल टिप्पणी की बल्कि भारतीयों पर भी आपत्तिजनक बातें कही।
मामला बढ़ा तो मालदीव की सरकार ने इस पर सफाई देते हुए मंत्रियों के बयान को निजी बता दिया। हालांकि भारत इससे संतुष्ट नहीं था। दबाव बढ़ने पर मोइज्जू सरकार ने अपने उन तीनो ही मंत्री को निलंबित कर दिया। मालदीव के इस कदम के बाद अब भारत में लोग मालदीव के खिलाफ खड़े हो गए हैं, बहिष्कार कर रहे है। वे मालदीव के बजाये लक्ष्यद्वीप को नए डेस्टिनेशन के तौर पर चुनने को कह रहे हैं। भारतीयों के इस कदम से मालदीव के पर्यटन पर इस विरोध और बहिष्कार का गहरा असर पड़ने के आशंका हैं।
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