तांत्रिक के कहने पर मां ने दो साल के बेटे को नहर में फेंक दिया
तांत्रिक ने मासूम को ‘सफेद जिन्न का बच्चा’ बताया था
पुलिस ने मां को हिरासत में लिया, तांत्रिक की भूमिका की जांच जारी
फरीदाबाद: Faridabad Tantrik News कहने को तो हम आज पुरानी दकियानुसी परंपराओं को छोड़कर डिजिटल और आधुनिक युग में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे लोग हैं जो बाबा-ओझा की बात मानकर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के फरिदाबाद से सामने आया है, जहां तांत्रिक के कहने पर एक महिला ने अपने बेटे को नहर में फेंक दिया। बताया जा रहा है कि तांत्रिक ने महिला से कहा था कि तुम्हारा बेटा सफेद जिन्न का बच्चा है और परिवार के लिए खतरा है।
Faridabad Tantrik News मिली जानकारी के अनुसार मामला बीपीटीपी थाना क्षेत्र के सैनिक कालोनी का है, जहां रहने वाली महिला मेघा बीते कुछ सालों से एक तांत्रिक मिता भाटिया के संपर्क में थी। तांत्रिक मिता भाटिया के झांसे में मेघा इस प्रकार आ गई कि शादी के 14 साल बाद हुए अपने मासूम बच्चे को नहर में फेंक दिया। मेघा की स्थिति देखकर ऐसा लगता है मानो वो पूरी तरह से निर्मोही हो चुकी थी। वहीं दो साल के मासूम तन्मय के घर से जाने के बाद उसकी बहन गुमसुम है। जबकि मेघा भी पूरी तरह से शांत हो गई है।
लोगों ने बताया कि रविवार शाम करीब 5 बजे मेघा अपने घर मासूम को लेकर निकली थी। काफी देर बाद जब मेघा बच्चे के साथ घर नहीं लौटी तो लोगों ने खोजना शुरू किया तो पता चला कि मेघा ने बच्चों को नहर में फेंक दिया है।
पुलिस को महिला के पति कपिल लुकरा ने बताया कि 16 साल पहले मेघा से शादी हुई थी। बड़ी बेटी 14 साल की जबकि छोटा बेटा 2 साल तन्मय उर्फ रौनिक है। कपिल ने बताया कि महिला तांत्रिक मिता भाटिया के झांसे में आकर मेघा ने मेरे बेटे की जान ले ली।
तांत्रिक की बातों में आकर अपराध करने पर कानून क्या कहता है?
ऐसे मामलों में IPC की कई धाराएं लागू होती हैं - हत्या (धारा 302), षड्यंत्र (120B) और यदि तांत्रिक की भूमिका साबित होती है तो आध्यात्मिक धोखाधड़ी में भी केस दर्ज हो सकता है।
‘सफेद जिन्न का बच्चा’ जैसी बातों का आधार क्या है?
यह पूरी तरह अंधविश्वास है। इसका कोई वैज्ञानिक या धार्मिक आधार नहीं है। ऐसी बातें मानसिक भ्रम और तांत्रिकों की चाल होती हैं।
क्या भारत में तंत्र-मंत्र पर प्रतिबंध है?
कई राज्यों में अंधविश्वास विरोधी कानून लागू हैं (जैसे महाराष्ट्र में)। हालांकि देशभर में इसे लागू करने की मांग तेज होती जा रही है।
अंधविश्वास में फंसी महिलाओं की मदद कैसे हो सकती है?
सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाएं काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता कार्यक्रम चलाती हैं। ज़रूरत है परिजनों द्वारा समय पर हस्तक्षेप की।
अगर कोई तांत्रिक किसी को उकसाकर अपराध करवाता है तो क्या वह भी दोषी होता है?
हां, यदि जांच में साबित होता है कि तांत्रिक ने किसी को उकसाया या भ्रम फैलाया, तो उसे आपराधिक षड्यंत्र और मानसिक शोषण के तहत सजा हो सकती है।