नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के कामकाज में “पूरी पारदर्शिता” है और इसकी वार्षिक रिपोर्ट नियमित रूप से सदन के पटल पर रखी जाती है।
एनसीईएल का संयुक्त प्रवर्तन प्रमुख सहकारी संगठनों—जीसीएमएमएफ (अमूल), इफ्को, कृभको, नेफेड के साथ-साथ नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) द्वारा किया गया है। एनसीडीसी सहकारिता मंत्रालय के तहत आता है।
सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एनसीईएल की वार्षिक रिपोर्ट पहले से ही सदन के पटल पर रखी जा चुकी है और पूरी पारदर्शिता बरती जाती है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने उनसे प्रश्न किया था कि क्या मंत्रालय एनसीईएल में पारदर्शिता लाने के लिए आचार संहिता तैयार करेगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि एनसीईएल के 15,705 सहकारिता सोसाइटी सदस्य हैं, जिनमें से 4,000 से अधिक गुजरात के हैं, और ये सदस्य लाभांश प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीईएल में सबसे कम सदस्य पश्चिम बंगाल से हैं।
सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि एनसीईएल और नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनीसीओएल) दोनों को 25 जनवरी 2023 को बहु-राज्यीय सहकारी समितियां अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत किया गया था। शुरुआत से अब तक, एनसीओएल ने 2.97 करोड़ रुपये के संबंधित-पक्ष लेनदेन दर्ज किए हैं, जो मुख्यतः उन खर्चों की भरपाई हैं जो इसके प्रवर्तक संगठनों ने पहले किए थे।
भाषा माधव अविनाश
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