नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस परेड में रविवार को गोवा की झांकी में पर्यटन और संस्कृति के सहज तालमेल को प्रदर्शित किया गया और इस दौरान मिट्टी के दीयों के साथ नृत्य करती महिलाएं, दीवज उत्सव और कावी कला आकर्षण का केंद्र रहीं।
राज्य की झांकी दो साल बाद प्रदर्शित की गई, जिसे कलाकार सुशांत खेडेकर और पूर्णानंद पेडारकर के नेतृत्व वाली टीम ने डिजाइन किया था।
रविवार को कर्तव्य पथ पर निकाली गई झांकी में गोवा की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक ‘दीवज’ उत्सव का प्रदर्शन किया गया। महिलाएं इस पांच दिवसीय उपवास अनुष्ठान के दौरान मिट्टी का दीया (दीवज) लेकर चलती हैं और फिर जलता हुआ दीया भगवान को अर्पित करती हैं।
इस झांकी में 1864 का लाइटहाउस भी दिखाया गया, जो एशिया के सबसे पुराने लाइटहाउस में से एक है।
झांकी के लिए संगीत सैश देशपांडे ने तैयार किया था और दिनेश प्रियोलकर के नेतृत्व में कलाकारों के दल ने नृत्य प्रदर्शन किया।
भाषा सिम्मी पारुल
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