गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना: और अधिक पेड़ काटने की याचिका पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड परियोजना: और अधिक पेड़ काटने की याचिका पर सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत

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  • Publish Date - October 24, 2025 / 05:40 PM IST,
    Updated On - October 24, 2025 / 05:40 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को बृहन्मुंबई नगर निगम की उस नई याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना के लिए नए पेड़ लगाने की शर्त पर और अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गई है।

शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को नगर निगम के वृक्ष प्राधिकरण को परियोजना के लिए 95 पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली की पीठ 27 अक्टूबर को इस याचिका पर सुनवाई करेगी, जब दिवाली की छुट्टियों के बाद शीर्ष अदालत का कामकाज फिर से शुरू होगा।

बीएमसी के वकील ने 16 अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया था और आग्रह किया था कि और अधिक पेड़ों को काटने की आवश्यकता है।

वकील ने कहा था कि प्रतिपूरक वनरोपण की शर्त पर इस पहलू पर जल्द से जल्द विचार किया जा सकता है।

पीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी।

जीएमएलआर परियोजना का उद्देश्य वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे तक सड़क संपर्क विकसित करना है ताकि मुलुंड और गोरेगांव के बीच यात्रा का समय लगभग एक घंटे कम हो सके।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जिम्मेदार बीएमसी ने विकास के पहले चरण के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति उच्चतम न्यायालय से मांगी थी।

बीएमसी ने पहले पीठ को प्रतिपूरक वनीकरण के नियमों का पालन करने का आश्वासन दिया था, जिसमें काटे गए पेड़ों के बदले लगाए जाने वाले पौधों की जियो-टैगिंग से संबंधित नियम भी शामिल थे।

भाषा वैभव नरेश

नरेश