नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को अनुसंधान पहलों के वित्तपोषण में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार की अपनी सीमाएं हैं और निजी क्षेत्र को इस मामले में सहायक की भूमिका निभानी चाहिए।
सिंह ‘राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों के सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा’ को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लगभग 67 प्रतिशत शोध प्रकाशन में केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित 450 संस्थान करते हैं।
निजी क्षेत्र की भागीदारी का समर्थन करते हुए सिंह ने कहा, ‘हमें अपनी सोच बदलने की जरूरत है।”
सिंह ने कहा, ‘सरकार की अपनी सीमाएं हैं, वह आपके शोध के लिए हर चीज का वित्तपोषण कर सकती है। सरकार को अन्य चीजों का भी ध्यान रखना होता है।’
अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी की वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि हमें अपनी सोच बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि 67 प्रतिशत केंद्र द्वारा वित्तपोषित हो या समान रूप से राज्य द्वारा वित्तपोषित क्यों न हो, बल्कि मेरा मानना है कि आख़िर 100 प्रतिशत केंद्र या राज्य द्वारा क्यों हो।’’
भाषा जोहेब रंजन
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