सरकार के पास नए विचार नहीं, वित्त मंत्री 1991, 2004 की तरह आर्थिक सुधार करना नहीं चाहतीं : चिदंबरम

सरकार के पास नए विचार नहीं, वित्त मंत्री 1991, 2004 की तरह आर्थिक सुधार करना नहीं चाहतीं : चिदंबरम

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  • Publish Date - February 1, 2025 / 05:46 PM IST,
    Updated On - February 1, 2025 / 05:46 PM IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार के पास कोई नया विचार नहीं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 1991 तथा 2004 की तरह आर्थिक सुधार करना नहीं चाहतीं हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि इस बजट में सिर्फ मध्य वर्ग व बिहार के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास हुआ है और शेष भारत को सिर्फ सांत्वना दी गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट में नयी कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय को कर के दायरे से मुक्त रखा गया है।

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘बजट से यह स्पष्ट है कि भाजपा करदाता मध्य वर्ग और बिहार के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रही है। ‘

उन्होंने कहा, ‘इन घोषणाओं का स्वागत मध्य वर्ग के 3.2 करोड़ करदाता और बिहार के 7.65 करोड़ मतदाता करेंगे। बाकी भारत के लिए वित्त मंत्री के पास केवल सांत्वना भरे शब्द थे। ‘

पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि सामाजिक कल्याण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आवंटन में कमी की गई है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बजट में देश के युवाओं को भी धोखा दिया गया है।

चिदंबरम के अनुसार, यह सरकार पुराने ढर्रे पर चलती रहेगी जिससे आगामी वित्त वर्ष में छह या 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर ही देखने को मिलेगी जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी आठ प्रतिशत की वृद्धि दर से बहुत कम है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वित्त मंत्री 1991 और 2004 की तरह आर्थिक सुधार करने के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के पास नए विचारों का अभाव है और इसमें अपने दायरे से बाहर निकलने की इच्छाशक्ति नहीं है।

भाषा हक दिलीप पवनेश

पवनेश