नई दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी से जांच में क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते तक टल गई है। कांग्रेस सांसद रहे एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने यह याचिका दायर की है। अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में भी हुई हिंसा के दौरान एहसान की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती ट्रेन के कोच में आग लगा दी गई थी। घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए ज्यादातर लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इसके गुजरात में दंगे भड़क गए थे, जिनमें करीब 1000 लोगों की जान चली गई थी। गोधराकांड के अगले ही दिन दंगाइयों ने अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी निवासी कांग्रेस सांसद जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी ने गुलबर्ग सोसायटी केस की दोबारा जांच करते हुए मामले में 66 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने जकिया की याचिका 13 नवंबर को मंजूर की थी। सुनवाई पहले 19 नवंबर को तय हुई, लेकिन समय की कमी की वजह से इसे 26 नवंबर तक बढ़ाया गया।बाद में कोर्ट ने कहा कि इसकी लिस्टिंग गलत हुई। अब इसकी सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते तक टाल दी गई है।