Hajj Yatra 2024
Hajj Yatra 2024: क्या आप भी हज यात्रा पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए एक जरुरी सूचना है। दरअसल, तीर्थयात्रियों के लिए सऊदी अरब फतवा काउंसिल ने कहा है कि आधिकारिक अनुमति के बिना हज यात्रा करने पर बैन है, जो लोग हज के लिए मक्का आना चाहते हैं उन्हें ऑफिशियल परमिट के साथ ही यात्रा करने की अनुमति मिल सकेगी। आधिकारिक अनुमति के बिना हज यात्रा बैन है और हज यात्रियों से सभी नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
परमिट के साथ यात्रियों को मिलेगी ये सुविधाएं
आधिकारिक परमिट से यात्रियों को कई सुविधाओं और सेवाओं का भी लाभ मिलेगा जो शरिया में अनिवार्य हैं। यह यात्रियों की व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने, भीड़ और भगदड़ जैसे खतरों से बचने के लिए जरूरी है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस्लामिक कानून के अनुसार हज परमिट प्राप्त करना न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि इस्लामी शिक्षाओं के अनुपालन के लिए भी अहम है। जो लोग इसका पालन करेंगे वो न सिर्फ किसी तरह के कानूनी परिणामों से बचेंगे, बल्कि उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
किस वजह से लिया गया फैसला
यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से यह फैसला लिया गया है ताकि ज्यादा भीड़ न हो, भगदड़ का खतरा न हो और तार्थयात्रियों की यात्रा को सरल एवं सुगम बनाया जा सके। इसके साथ ही इस तरह से हज और उमराह तीर्थयात्रियों के साथ कोऑर्डिनेशन में आसानी होगी। बता दें कि हाल ही में भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ जिसके अनुसार, इस साल हज यात्रा के लिए भारत से 1 लाख 75 हजार 25 तीर्थयात्री जा सकेंगे।
मुस्लिम क्यों करते हैं हज यात्रा
हज यात्रा पर जाने की सबसे बड़ी वजह ये है, कि अल्लाह का ये हुक्म है और इस्लाम के पांच जरूरी स्तम्भ में से ये एक है। ये अल्लाह की इबादत का एक जरिया है। हज यात्रा के दौरान दुनियाभर के मुस्लिम इकठ्ठा होते हैं। साथ ही हज एक जरिया है यह बताने का कि दुनियाभर में जितने भी मुस्लिम हैं सब बराबर हैं। बता दें कि साल 628 में पैगंबर मोहम्मद साहब ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक यात्रा शुरू की थी। ये यात्रा ही इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी जिसे बाद में हज नाम दिया गया। हर साल दुनियाभर से सभी मुस्लिम सऊदी अरब हज के लिए पहुंचते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये बकरीद यानी ईद उल अदहा के साथ पूरी होती है।