उच्च न्यायालय ने दिव्यांग जन के लिए एमबीबीएस की खाली सीट को भरने संबंधी याचिका पर जवाब मांगा

उच्च न्यायालय ने दिव्यांग जन के लिए एमबीबीएस की खाली सीट को भरने संबंधी याचिका पर जवाब मांगा

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  • Publish Date - April 13, 2023 / 07:53 PM IST,
    Updated On - April 13, 2023 / 07:53 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र से मेडिकल कॉलेजों में बेंचमार्क अक्षमता से कम लेकिन दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्त सीट को भरने के संबंध में दायर याचिका पर ‘विस्तृत और व्यापक जवाब’ दाखिल करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि याचिका में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया है और केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए छह सप्ताह का समय दिया।

इससे पूर्व अदालत ने केंद्र से याचिकाकर्ता के एक प्रतिवेदन पर विचार करने को कहा था। याचिकाकर्ता बेंचमार्क से कम विकलांगता वाला एमबीबीएस उम्मीदवार है, जो दिव्यांग जन के लिए आरक्षित रिक्त सीट पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला चाहता है।

स्थायी लोकोमोटर विकलांगता से ग्रस्त याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2022 में 96.06 का परसेंटाइल स्कोर हासिल किया और उसकी निशक्तता को बेंचमार्क विकलांगता के लिए निर्धारित 40 प्रतिशत सीमा से कम पाया गया, जो शिक्षा में आरक्षण प्राप्त करने की एक पूर्व शर्त है।

नीट-यूजी 2022 में दिव्यांग जन श्रेणी के तहत एक सीट के आवंटन की मांग के अलावा, याचिकाकर्ता ने बेंचमार्क दिव्यांग जन के लिए आरक्षण के लाभ को सीमित करने वाले कानूनी प्रावधानों को भी चुनौती दी है।

पीठ को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा, ‘‘केंद्र से एक विस्तृत जवाब की आवश्यकता है। छह सप्ताह के भीतर इसे दाखिल किया जाए।’’

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से पेश वकील टी सिंहदेव ने कहा कि दिव्यांग जन श्रेणी के तहत आरक्षित सीट बेंचमार्क निशक्तता वाले सभी उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं और यदि इनमें से कोई भी सीट खाली रहती है, तो उन्हें अन्य मेधावी छात्रों को दे दिया जाता है और बर्बाद नहीं किया जाता है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि बिना किसी विकलांगता वाले उम्मीदवार को बेंचमार्क दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए निर्धारित सीट देना अनुचित था। मामले में आगे 17 जुलाई को सुनवाई होगी।

भाषा आशीष माधव

माधव