‘हिजाब पहनने से रोकना राज्य और उसकी संस्थाओं की इस्लामोफोबिक प्रवृत्ति को दर्शाता है’.. JNU की 200 छात्राओं ने जताई एकजुटता

हिजाब विवाद: जेएनयू की 200 छात्राओं ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के प्रति जताई एकजुटता

‘हिजाब पहनने से रोकना राज्य और उसकी संस्थाओं की इस्लामोफोबिक प्रवृत्ति को दर्शाता है’.. JNU की 200 छात्राओं ने जताई एकजुटता

Indore Crime News

Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: February 10, 2022 1:24 am IST

नई दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) यहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की करीब 200 छात्राओं ने कर्नाटक में हिजाब पहनने के मामले को लेकर मुस्लिम छात्राओं को अपना ‘‘अडिग और बिना शर्त समर्थन’’ दिया है।

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जेएनयू की छात्राओं का यह कहना कि महिलाओं को हिजाब पहनने से रोकना राज्य और उसकी संस्थाओं की “पितृसत्तात्मक और इस्लामोफोबिक (इस्लाम से डर) प्रवृत्ति” को दर्शाता है।

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जेएनयू की छात्राओं ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को अपना हिजाब छोड़ने के लिए मजबूर करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का स्पष्ट उल्लंघन है जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, और उन्हें कक्षा में प्रवेश करने से मना करना अनुच्छेद 21 (ए) और अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है, जो शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है और क्रमशः धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है।

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पिछले हफ्ते, कर्नाटक सरकार ने राज्य भर के स्कूलों और कॉलेजों या निजी संस्थानों के प्रबंधन को विद्यार्थियों के लिए उसके द्वारा निर्धारित वर्दी को अनिवार्य बनाने का आदेश जारी किया था। हिजाब पहनने के कारण छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से वंचित किए जाने पर राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

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