शिमला, छह सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शनिवार सुबह भूस्खलन के कारण एक पहाड़ी का लगभग 200 मीटर हिस्सा बह गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना नौहराधार के चोक्कर गांव में हुई, जिससे पांच घर खतरे में आ गए। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि पहाड़ी पर मौजूद पांच लोग सुरक्षित हैं।
भूस्खलन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि यह घटना जमीन के नीचे पानी का स्रोत फटने के कारण हुई।
इंटरनेट पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि तेज बहाव के साथ मलबे के बड़े-बड़े ढेर बहते नजर आ रहे हैं और स्थानीय लोग रोते-बिलखते लोगों से वहां से दूर रहने की गुहार लगा रहे हैं।
राज्य के कई हिस्सों में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक 133 बड़े भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनसे भारी तबाही हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय केंद्र ने अगले छह दिनों तक राज्यभर में मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही, उना और बिलासपुर जिलों में भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में शनिवार को तूफान और बिजली चमकने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि सात से 12 सितंबर तक कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि शनिवार को कुछ इलाकों में भारी बारिश के एक-दो दौर हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस बार एक जून से छह सितंबर तक मानसून के दौरान औसतन 943.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि में 648.1 मिलीमीटर बारिश होती है। यानी इस बार 46 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
भाषा खारी दिलीप
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