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मोहाली, 13 दिसंबर (भाषा) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के काम करने के तरीके की शुक्रवार को आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के विपरीत भाजपा में उनसे परामर्श नहीं लिया जाता।
हालांकि, भाजपा नेता सिंह ने कांग्रेस में लौटने की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज किया।
सिंह ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि जब वह कांग्रेस में थे, तब उन्हें जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, उससे वह अब भी आहत हैं, इसलिए ‘‘कांग्रेस में फिर से शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी उनसे मदद मांगती हैं, तो वह हमेशा उनकी मदद करेंगे, लेकिन ‘‘राजनीतिक रूप से नहीं।’’
सिंह ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलना भाजपा आलाकमान से मिलने से कहीं ज्यादा आसान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं से सलाह लेती है और पार्टी की ‘‘कार्य प्रणाली अधिक लोकतांत्रिक’’ है।
सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें ‘‘पंजाब से विशेष लगाव’’ है और वह राज्य के लिए कुछ भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने फैसलों को सार्वजनिक नहीं करती और सभी निर्णय दिल्ली में जमीनी स्तर के नेताओं से परामर्श किए बिना लिए जाते हैं।
पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री रहे सिंह (83) ने कहा, ‘‘भाजपा में मुझसे सलाह नहीं ली जाती। मेरे पास 60 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन मैं खुद को उन पर थोप नहीं सकता।’’
उन्होंने पंजाब के लोगों से ‘‘स्थिरता’’ के लिए भाजपा पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा और पंजाब के हित आपस में जुड़े हुए हैं।
कांग्रेस की राज्य इकाई में आंतरिक कलह के बाद सिंह ने सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और एक नयी पार्टी बनाई थी, जिसका बाद में 2022 में भाजपा में विलय हो गया था।
सिंह ने जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, उस समय नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष थे। उन्होंने पार्टी में कलह के लिए सिद्धू को खुले तौर पर दोषी ठहराया था। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने यह कहकर हाल में विवाद खड़ा कर दिया है कि पंजाब में जो भी ‘‘500 करोड़ रुपये का सूटकेस देता है’’ वह मुख्यमंत्री बन जाता है।
सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर दोनों ही ‘‘अस्थिर’’ हैं। उन्होंने नवजोत कौर पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस को उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए।
सिंह ने कहा कि सिद्धू को ‘क्रिकेट कमेंट्री’ पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें वह माहिर हैं, लेकिन ‘‘राजनीति उनके बस की बात नहीं है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा पंजाब में केवल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ हाथ मिलाकर ही आगे बढ़ सकती है।
उन्होंने दावा किया कि 60 साल के राजनीतिक अनुभव के कारण वह पंजाब की सोच को समझते हैं और भाजपा एवं अकाली दल अंततः एक साथ आ जाएंगे।
सिंह ने कहा कि गठबंधन के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती और गठबंधन का अभाव भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने से भी ‘‘बड़ी आपदा’’ होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर काडर निर्माण उनकी (भाजपा की) प्राथमिकता है, तो उन्हें तीन से चार कार्यकाल तक इंतजार करना होगा।’’
सिंह ने कहा कि शिअद के दिवंगत नेता प्रकाश सिंह बादल ‘‘पूरी तरह से अविश्वसनीय’’ थे, लेकिन उनके बेटे सुखबीर बादल भरोसेमंद हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस को अच्छी तरह से समझते हैं। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के नौ उम्मीदवार हैं, लेकिन किसी का भी भविष्य उज्ज्वल नहीं है।
सिंह ने कहा कि अब मजबूत सरकार बनाने की जिम्मेदारी भाजपा और शिअद पर है।
उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के बारे में कहा कि यह पार्टी को मिला ‘‘एकमात्र मौका है। चुनाव से पहले ही ‘आप’ बिखर जाएगी।’’
सिंह ने कहा, ‘‘पंजाब में ‘आप’ का कोई भविष्य नहीं है और अगले चुनावों में पार्टी सीटों के लिहाज से दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाएगी।’’
उन्होंने दावा किया कि पंजाब वर्षों तक आतंकवाद के दंश से जूझने के बाद अब अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और इस स्थिति के लिए ‘आप’ सरकार जिम्मेदार है।
सिंह ने ‘‘मुफ्त योजनाओं’’ को लेकर मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मान केवल ‘‘टीवी पर आकर चुटकुले सुनाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शासन एक गंभीर मामला है। क्या पंजाब को इसी तरह से चलाया जाना चाहिए?’’
सिंह ने कहा कि ‘‘वर्तमान परिस्थितियों’’ में निवेश लाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि मान को ‘‘पंजाब छोड़ देना चाहिए’’ क्योंकि लोग उनके बिना भी काम चला सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब एक ‘‘भिखारी राज्य’’ बन चुका है और बुनियादी ढांचे में निवेश की सख्त जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मान सिर्फ नाम के नेता हैं और पंजाब के लिए वास्तविक फैसले ‘आप’ के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल एवं वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ले रहे हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘केजरीवाल पंजाब के बारे में क्या जानते हैं? क्या उन्हें माझा, मालवा और दोआबा के मुद्दों की समझ है?’’
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पाकिस्तान ने कभी भारत में स्थिरता नहीं चाही।
सिंह ने ‘ऑपरेशन’ सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त करने को लेकर बनी सहमति का श्रेय लेने की कोशिशों के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना भी की।
उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान विमानों की हानि होना सामान्य बात है।
भाषा ेपारुल सिम्मी
पारुल