अलप्पुझा (केरल), 30 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने मंगलवार को कहा कि यदि केंद्र केरल के इस तटीय जिले में एम्स स्थापित नहीं कर रहा है तो त्रिशूर से सांसद होने के नाते उन्हें यह पूछने का अधिकार है कि यह कहां स्थापित होगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बारे में उनकी टिप्पणी केरल में चिकित्सा संस्थान के निर्माण के संबंध में उनके पिछले रुख की पुनरावृत्ति मात्र है और इसका उद्देश्य किसी का विरोध करना नहीं है।
उन्होंने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘ मैंने यह नहीं कहा कि एम्स त्रिशूर में स्थापित होना चाहिए क्योंकि मैं वहां से जीता हूं। मैंने ऐसा कोई वादा नहीं किया था…।’’
त्रिशूर के सांसद ने कहा कि राज्य सरकार यह नहीं कह सकती कि एम्स उसके द्वारा निर्धारित भूमि पर बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसे इस तरह स्थापित किया जाना चाहिए जिससे पूरे राज्य को लाभ हो और जिस क्षेत्र में इसे स्थापित किया जा रहा है, उसका विकास हो।’’
गोपी ने उनके नाम से दिए गए इस बयान को भी खारिज कर दिया कि अगर एम्स अलप्पुझा में नहीं बनता तो इसे तमिलनाडु में बनाया जाना चाहिए।
गोपी ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिशूर में संस्थान बनाने की पेशकश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने कहा कि वहां जमीन उपलब्ध नहीं है और इसे केरल में कहीं भी स्थापित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने कहा कि यदि वे (राज्य सरकार) इस पर इतने अड़े हैं, तो संस्थान एम के स्टालिन को दे देना चाहिए। लेकिन जानबूझकर इसका गलत अर्थ निकाला गया ताकि यह झूठ फैलाया जा सके कि मैं चाहता हूं कि यदि अलप्पुझा में नहीं तो एम्स तमिलनाडु में बने।’’
भाषा शोभना नरेश
नरेश