मांगें पूरी नहीं हुईं तो मजबूर होकर एक और आंदोलन करना पड़ेगा: एसकेएम

मांगें पूरी नहीं हुईं तो मजबूर होकर एक और आंदोलन करना पड़ेगा: एसकेएम

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  • Publish Date - March 20, 2023 / 03:12 PM IST,
    Updated On - March 20, 2023 / 03:12 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कर्ज माफी और पेंशन को लेकर कानून समेत उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो उसे मजबूर होकर एक और आंदोलन करना पड़ेगा।

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एसकेएम के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दोपहर में कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और मांग पत्र सौंपा।

उन्होंने यहां रामलीला मैदान में एकत्र हुए किसानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई अनसुलझे मुद्दे हैं और इनके समाधान के लिए और ‘आंदोलन’ की जरूरत है। हम 30 अप्रैल को दिल्ली में एक और बैठक बुलाएंगे। मैं सभी किसान संघों से अपने-अपने राज्यों में रैलियां निकालने और बैठक के लिए पंचायत आयोजित करने का अनुरोध करता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘हम रोजाना आंदोलन नहीं करना चाहते, लेकिन हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हम एक और आंदोलन शुरू करेंगे, जो कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन से बड़ा होगा।’

पाल ने कहा कि मांगों में एमएसपी के लिए एक कानून, पूर्ण ऋण माफी, पेंशन, फसल बीमा, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना और निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाना शामिल है।

किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने व जेल भेजने और ओलावृष्टि तथा बेमौसम बारिश के कारण फसल क्षति के लिए मुआवजे की भी मांग की।

पाल ने कहा कि तोमर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी को विद्युत अधिनियम से छूट दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘यह मांग पहले ही पूरी हो चुकी है। यह एसकेएम के लिए एक बड़ी जीत है।’ उन्होंने कहा कि मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार ने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण फसल क्षति के लिए मुआवजा प्रदान करने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं।

किसान नेता ने कहा, ‘हमने मंत्री के साथ एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर भी चर्चा की। तोमर ने कहा कि वह किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने के मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगे।”

पाल ने कहा, ‘कई अनसुलझे मुद्दे हैं और इनके समाधान के लिए एक और आंदोलन की जरूरत है। हम 30 अप्रैल को दिल्ली में एक और बैठक बुलाएंगे। मैं सभी किसान संघों से रैलियां निकालने और बैठक के लिए पंचायत आयोजित करने का अनुरोध करता हूं।’

भाषा सुरेश जोहेब नरेश